Car Tips: कार को जंग से कैसे बचाएं, क्या होती है एंटी-रस्ट कोटिंग? 6 प्वाइंट्स में जानें सबकुछ

Car Tips: कार को जंग (रस्ट) से बचाने के लिए एंटी-रस्ट कोटिंग एक असरदार तरीका है। यह कोटिंग मेटल सतहों को नमी, पानी और ऑक्सीजन से सुरक्षित रखती है, जिससे जंग लगने की संभावना कम हो जाती है। कार की लंबी उम्र और रीसेल वैल्यू को बनाए रखने के लिए एंटी-रस्ट कोटिंग एक स्मार्ट इंवेस्टमेंट है। लेकिन इस प्रोसेस में सही समय, सही कोटिंग और सही सर्विस प्रोवाइडर का चुनाव बेहद अहम है। अगर आप अपनी कार को लंबे समय तक नया बनाए रखना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स में इस प्रक्रिया को समझें।
1. सही समय पर प्लानिंग करें
नई कार खरीदने के तुरंत बाद एंटी-रस्ट कोटिंग करवाना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि उस समय कार का मेटल पूरी तरह साफ और जंग से मुक्त होता है, जिससे कोटिंग बेहतर तरीके से सतह पर चिपकती है और ज्यादा प्रभावी रहती है। वहीं, पुरानी कारों के लिए कोटिंग कराने से पहले मेटल पर लगी पुरानी जंग को हटाना जरूरी होता है, ताकि कोटिंग सही तरह से काम कर सके। इसके अलावा, मानसून से पहले यह कोटिंग करवाना एक समझदारी भरा फैसला होता है, क्योंकि बारिश के मौसम में नमी के कारण जंग लगने की आशंका बढ़ जाती है और कोटिंग मेटल को उस नमी से प्रभावी रूप से सुरक्षित रखती है।
2. विश्वसनीय सर्विस सेंटर का चयन करें
एंटी-रस्ट कोटिंग के लिए हमेशा किसी प्रमाणित और अनुभवी सर्विस सेंटर का चयन करना चाहिए, ताकि कोटिंग की गुणवत्ता और कार की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसके लिए आप कार डीलरशिप, ऑटो डिटेलिंग सेंटर या किसी भरोसेमंद और अच्छी रेटिंग वाले ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क कर सकते हैं। आजकल कई सर्विस सेंटर्स ऑनलाइन बुकिंग और डोरस्टेप सर्विस जैसी सुविधाएं भी प्रदान करते हैं, जिससे यह प्रक्रिया और भी आसान और सुविधाजनक हो जाती है।
3. कोटिंग के प्रकार जानें
एंटी-रस्ट कोटिंग कई प्रकार की होती है, और हर विकल्प की अपनी खासियत होती है। सबसे आम और लोकप्रिय विकल्प अंडरबॉडी कोटिंग है, जो कार के नीचे के हिस्से को नमी और गंदगी से बचाकर जंग लगने से रोकती है। इसके अलावा, टार-बेस्ड कोटिंग एक मोटी और मजबूत परत बनाती है, जो ज्यादा सुरक्षा देती है, खासकर ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों के लिए। वहीं, रबराइज्ड कोटिंग जंग से सुरक्षा के साथ-साथ सड़क से आने वाली ध्वनि और कंपन को भी कम करती है, जिससे ड्राइविंग का अनुभव और बेहतर हो जाता है। इन सभी विकल्पों में से आपको अपने बजट और कार की ज़रूरतों के अनुसार सबसे उपयुक्त कोटिंग चुननी चाहिए।
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4. कोटिंग प्रक्रिया को समझें
एंटी-रस्ट कोटिंग की प्रक्रिया की शुरुआत कार को अच्छी तरह साफ करने से होती है, ताकि धूल, गंदगी और चिकनाई हटाई जा सके। इसके बाद मेटल की सतह से किसी भी प्रकार की जंग को हटाकर उसे कोटिंग के लिए तैयार किया जाता है। तैयार सतह पर फिर कोटिंग को स्प्रे या ब्रश की मदद से लगाया जाता है, जिसमें विशेष ध्यान कार के अंडरबॉडी, चेसिस और व्हील वेल्स जैसे संवेदनशील हिस्सों पर दिया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया आमतौर पर 2 से 3 घंटे में पूरी हो जाती है, लेकिन कोटिंग के प्रकार और कार की स्थिति के अनुसार समय थोड़ा आगे-पीछे हो सकता है।
5. मेंटेनेंस और वारंटी
एंटी-रस्ट कोटिंग करवाने के बाद सर्विस सेंटर से वारंटी कार्ड जरूर प्राप्त करें, क्योंकि अधिकांश कोटिंग्स 3 से 5 साल तक प्रभावी रहती हैं और किसी भी खराबी की स्थिति में यह वारंटी उपयोगी साबित हो सकती है। इसके अलावा, कोटिंग की टिकाऊपन बनाए रखने के लिए कार को नियमित रूप से साफ करना और उसकी सतह की स्थिति पर नजर रखना बेहद जरूरी है। विशेष रूप से कीचड़ या नमी को कार के निचले हिस्सों में जमा न होने दें, क्योंकि इससे कोटिंग पर असर पड़ सकता है और इसकी सुरक्षा क्षमता कम हो सकती है। सही देखभाल से कोटिंग अधिक समय तक प्रभावी बनी रहती है।
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6. लागत और वैल्यू
भारत में एंटी-रस्ट कोटिंग की कीमत आमतौर पर ₹3,000 से ₹10,000 के बीच होती है, जो आपकी कार के मॉडल, साइज और चुनी गई कोटिंग के प्रकार पर निर्भर करती है। बड़ी गाड़ियों या प्रीमियम कोटिंग्स के लिए यह कीमत थोड़ी ज्यादा भी हो सकती है। कई सर्विस सेंटर पैकेज डील्स, सीज़नल ऑफर्स या पहली सर्विस पर छूट जैसी सुविधाएं भी प्रदान करते हैं, जिनका लाभ लेकर आप बेहतर सेवा कम खर्च में प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए कोटिंग करवाने से पहले अलग-अलग विकल्पों की तुलना करना एक समझदारी भरा कदम होगा।
(मंजू कुमारी)