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श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में बनाए जा रहे राम मंदिर में माता सीता की मूर्ति नहीं होगी, तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने प्रेस कान्फ्रेंस कर इसकी वजह स्पष्ट की।

लखनऊ। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में 70 एकड़ क्षेत्र में बने राम मंदिर में सीता माता की मूर्ति नहीं होगी। वजह बताई गई कि अयोध्या मंदिर में भगवान रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति स्थापित की जानी है। बाल स्वरूप में भगवान राम के साथ सीता नहीं थीं। यही वजह है कि मंदिर में मां सीता की मूर्ति स्थापित न करने का निर्णय लिया गया है।

Ram temple ayodhya
राम मंदिर का गर्भगृह

80 फीसदी काम पूरा
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर बताया कि मंदिर का ग्राउंड फ्लोर तैयार हो चुका है। पहली मंजिल का काम भी करीब 80 फीसदी पूरा हो गया है। सेकंड फ्लोर बनने के बाद तीसरी मंजिल का निर्माण शुरू होगा।  

161 फीट ऊंचा होगा शिखर
ट्रस्ट के महासचिव राय ने बताया, अयोध्या में राम जन्मभूमि का 70 एकड़ परिक्षेत्र है। इसके 30 फीसदी क्षेत्र में राम मंदिर बनाया जा रहा है। मंदिर 360 फीट लंबा और 235 फीट चौड़ा होगा। इसका शिखर 161 फीट ऊंचा होगा। गर्भगृह में पहुंचने के लिए भक्तों को 32 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेंगी।
प्राण प्रतिष्ठा 22 को, आएंगे प्रधानमंत्री मोदी
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की जानी है। इस दौरान देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने का अनुमान है। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और मंदिर के  मुख्य पुजारी मौजूद रहेंगे।
गुणवत्ता के साथ हो निर्माण कार्य
अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया, निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ होना चाहिए। इसमें जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है। मंदिर निर्माण का काम 3 चरणों में किया जा रहा है। पहला चरण दिसंबर 2023 और दूसरा 2024 में पूरा हो जाएगा। इसके बाद तीसरे चरण का निर्माण कार्य होगा।

 

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