MP नीट पीजी काउंसलिंग में फर्जीवाड़ा: NRI कोटे की सीट के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल, 48 डॉक्टर्स पर FIR

MP NEET PG counselling, MP NEET PG counselling: Use of fake documents for NRI quota seat, FIR against 48 doctors
X
MP NEET PG counselling
मध्यप्रदेश के 8 निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का मामला सामने आया है। नीट पीजी काउंसलिंग कमेटी ने 48 डॉक्टर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। जानें पूरा मामला

MP NEET PG counselling:मध्यप्रदेश के 8 निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का मामला सामने आया है। नीट पीजी काउंसलिंग कमेटी ने 48 डॉक्टर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इन डॉक्टर्स पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल कर सीटें हासिल कीं। इनमें से 41 डॉक्टर्स ने सीट अलॉट होने के बावजूद अब तक किसी कॉलेज में एडमिशन नहीं लिया है। अब इन डॉक्टर्स का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है। इन डॉक्टर्स के नीटी पीजी काउंसलिंग में शामिल होने पर भी रोक लगाई जा सकती है।

काउंसलिंग कमेटी ने लिया एक्शन
विदिशा मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. अतुल वार्ष्णेय ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है। डॉ. वार्ष्णेय ने यह शिकायत डीएमई डॉ. ए.के. श्रीवास्तव के प्रतिनिधि के तौर पर दर्ज कराई है। काउंसलिंग कमेटी ने शुरुआती जांच में पाया है कि एनआरआई कोटे से काउंसलिंग में शामिल 222 उम्मीदवारों में से 21% के दस्तावेज फर्जी हैं। जांच के दौरान पता चला कि कि कई डॉक्टर्स ने गलत तरीके से मप्र मूल निवासी प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया। इन फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर डॉक्टर्स ने एनआरआई कोटे का गलत फायदा उठाया और सीटें हासिल कर ली।

एनआरआई कोटे के दुरुपयोग का खुलासा
बता दें कि 8 जनवरी को पहले चरण की काउंसलिंग में एनआरआई कोटे की सीटें अलॉट हुई थीं। शिकायतों के बाद सभी रजिस्ट्रेशन की जांच की गई। डॉ. राहुल सिंह की शिकायत पर यह जांच शुरू हुई। जांच में बिना रजिस्ट्रेशन सीट अलॉट होने की बात सामने आई। इसके बाद सभी 222 रजिस्ट्रेशन की गहराई से जांच की गई। 43 डॉक्टर्स के दस्तावेज फर्जी पाए गए। इनमें से 41 डॉक्टर्स ने अब तक अलॉट हुए कॉलेज में दाखिला नहीं लिया है। वहीं, सेकेंड राउंड काउंसलिंग के लिए 111 डॉक्टर्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था। शुरुआती जांच में यहां भी 2 डॉक्टर्स के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं।

दस्तावेजों की जांच के लिए निर्देश जारी
डीएमई श्रीवास्तव ने 48 डॉक्टर्स को 21 जनवरी तक अपने दस्तावेजों के साथ स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। दस्तावेज सत्यापित न होने पर इनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। ऐसे उम्मीदवारों को नीट पीजी काउंसलिंग से डी-बार करने का फैसला लिया गया है। यह निर्देश भोपाल के सतपुड़ा भवन स्थित कार्यालय में दिए गए हैं। डॉक्टर्स को अपने प्रमाण पत्रों को वेरिफाई कराने का मौका दिया गया है। अगर वह तय समय में ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें काउंसलिंग से बाहर कर दिया जाएगा।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story