छात्राओं के कमरे में मिले कैमरे: महिला आयोग की टीम ने मदरसे में पकड़ी बड़ी लापरवाही

Ratlam Madrasa
X
रतलाम का दारुल उलूम आयशा सिद्दीका तिलबिनात मदरसा।
मध्य प्रदेश महिला आयोग की टीम ने शनिवार 3 अगस्त को मदरसे में बड़ी लापरवाही पकड़ी है। रतलाम के खाचरोद रोड स्थित दारुल उलूम में छात्राओं के कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगे थे।

Ratlam News: मध्य प्रदेश के रतलाम स्थित मदरसे में शर्मसार कर देने वाली लापरवाही सामने आई है। खाचरोद रोड स्थित दारुल उलूम आयशा सिद्दीका तिलबिनात में छात्राओं के कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगे थे। मप्र बाल आयोग की टीम को मदरसे की मान्यता भी नहीं मिली। मदरसे में दर्ज 100 में से 40 बच्चियां ही स्कूल जा रही हैं।

मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निवेदता शर्मा ने बच्चियों से बंद कमरे में चर्चा की है। बताया कि यह निजता के हनन का मामला है। बच्चियों के चेहरे पर हंसी नहीं थी। निरीक्षण के वक्त महिला बाल विकास अधिकारी रजनीश सिन्हा और डीईओ केसी शर्मा भी मौजूद रहे।

मदरसा संचालन के लिए जरूरी दस्तावेज नहीं
बाल आयोग के निरीक्षण की सूचना मिलते ही एडीएम डॉ. शालीनी श्रीवास्तव, एडीओपी रजनीश सिन्हा, डीईओ केसी शर्मा पहुंचे और लड़कियों से जानकारी ली। कमेटी के पास मदरसा संचालन के लिए जरूरी दस्तावेज नहीं थे। समिति के सदस्यों ने बताया, इसके लिए आवेदन किया हुआ है। पोर्टल बंद होने के कारण परमिशन नहीं मिल पा रही।

महाराष्ट्र की समिति से संबद्ध
कार्रवाई की सूचना पाकर कांग्रेस नेता यास्मीन शेरानी और अंजुमन सदर इब्राहीम शेरानी समेत अन्य सदस्य मदरसा पहंचे। बताया कि मदरसा महाराष्ट्र के नंदूबार जिले के दारुल जामिया इस्तुलम अतुलकुआ से पंजीबद्ध है। उन्होंने मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता के लिए भी आवेदन कर रखा है।

जांच के बाद हटाए गए कैमरे
एडीएम डॉ. शालीनी श्रीवास्तव ने बताया, समिति के पास महाराष्ट्र की संस्था का पंजीयन है, लेकिन मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड की मान्यता नहीं है। सारे दस्तावेज मंगाए हैं। बाल आयोग टीम की रिपोर्ट नहीं मिली है। जांच के बाद कैमरे हटा लिए गए हैं। कैम्पस में पुरुष बाहर रहते हैं। कुछ बच्चियों के साथ पैरेंट्स भी रहते हैं।

100 में 40 बच्चियां ही स्कूल जाती हैं
मदरसा कैम्पस में स्कूल भी संचालित है, लेकिन 100 में 40 बच्चियां ही स्कूल जाती हैं। कक्षा 1 से 9वीं तक संचालित इस स्कूल को हाल ही में 12वीं तक क्लास संचालन की मान्यता मिली है। लेकिन, कई लड़कियां स्कूल में पढ़ाई नहीं करती हैं।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story