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Warrant Issued Against Lalu Yadav: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। 26 साल पुराने हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में ग्वालियर कोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

Warrant Issued Against Lalu Yadav: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। ग्वालियर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मामला हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त से जुड़ा 26 साल पुराना है। अब पुलिस का दावा है कि आरोपी कोई और नहीं बल्कि राजद नेता लालू प्रसाद यादव ही हैं। इसी आधार पर लालू को आरोपी बनाया और गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। पुलिस ने अपने अनुसंधान के बाद ही लालू प्रसाद यादव को आरोपी बनाया है। अन्य कोर्ट से यह केस ग्वालियर के MP-MLA कोर्ट ट्रांसफर हुआ है। अब स्थायी वारंट जारी कर कोर्ट ने लालू यादव को तलब किया है। 

जानें पूरा मामला: 
बता दें कि पूरा मामला 23 अगस्त 1995 से 15 मई 1997 के बीच का है। ग्वालियर कोर्ट ने लालू यादव को 1998 में इस मामले में फरार घोषित किया था। UP की फर्म के संचालक राजकुमार शर्मा पर आरोप है कि उसने ग्वालियर की तीन कंपनियों से फर्जीवाड़ा कर 1995 से 1997 के बीच हाथियर और कारतूस खरीदे थे। हाथियार और कारतूस खरीदने के बाद बिहार में बेच दिए थे। शर्मा ने जिन लोगों को यह हाथियार बेचे उनमें पूर्व सीएम लालू यादव का भी नाम है। मामले में 22 आरोपी हैं। छह के खिलाफ सुनवाई चल रही है। दो की मौत हो चुकी है। लालू प्रसाद यादव समेत 14 फरार हैं।

नाम को लेकर था भ्रम
इस मामले में लालू प्रसाद यादव का नाम तो है, लेकिन ये राजद सुप्रीमो ही हैं, इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। अदालत के रिकॉर्ड से इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है। कोर्ट के दस्तावेजों में लालू प्रसाद के पिता के नाम की जगह कुंद्रिका सिंह है। जबकि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के पिता का नाम कुंदन राय है। लालू प्रसाद का नाम सिर्फ फरारी से जुड़े पंचनामे में लिखा गया है। अदालत में पुलिस की ओर से पेश किए गए चालान और फरारियों की सूची में लालू प्रसाद यादव के पिता का नाम नहीं लिखा गया है। जबकि बाकी आरोपियों के पिता का भी नाम है और उनके शहर का नाम भी। बता दें कि इसमें लालू प्रसाद यादव के पूर्व सांसद और विधायक होने का जिक्र है, इसलिए यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में भेजा गया।

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