वोटर लिस्ट पर बवाल: वीरेंद्र सचदेवा ने आप पर साधा निशाना, बोले- 'मानसिक संतुलन खो चुके हैं अरविंद केजरीवाल'

Virendra Sachdeva targeted Arvind Kejriwal on poorvanchali voters
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वीरेंद्र सचदेवा।
Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी भाजपा पर पूर्वांचली वोटर्स के वोट कटवाने का आरोप लगा रही है। इसको लेकर वीरेंद्र सचदेवा ने आप पर निशाना साधा और केजरीवाल की कमियां गिनाई हैं।

Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। आम आदमी पार्टी भाजपा पर एक के बाद एक आरोप लगाती जा रही है। आम आदमी पार्टी की तरफ से भाजपा पर पूर्वांचली वोटर्स के वोट काटने का आरोप लगाया जा रहा है। भाजपा भी उनके इस आरोप को खारिज कर रही है। बीजेपी पूर्वांचल मोर्चा और नेता केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। हालांकि उससे पहले ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल पर हमला बोला है।

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'केजरीवाल को सुनाई दे रही अंतरात्मा की आवाज'

वीरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि केजरीवाल को उनकी अंतर आत्मा की आवाज सुनाई दे रही है। वो आवास उनसे सत्ता से दूर जाने के लिए कह रही है। केजरीवाल दिल्ली में सत्ता जाने के डर से मानसिक संतुलन खो चुके हैं। सचदेवा ने कहा कि पूर्वांचल के लोगों को नकली वोटर कहने केजरीवाल के मन मन का काला सच एक बार फिर सामने आ गया है, जो पहली बार 2019 में नजर आया था। हालांकि सच तो ये है कि केजरीवाल को बेल मिल गई लेकिन उनकी राजनीतिक शख्सियत कत्म हो गई है। आप भाजपा को कोस लीजिए लेकिन दिल्ली में तनाव मत फैलाइए।

सचदेवा ने केजरीवाल पर लगाए आरोप

  • सचदेवा ने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आए तो उन्होंने सीधे तौर पर इस्तीफा नहीं दिया। उन्होंने दो दिन बाद इस्तीफा देने के लिए कहा। शायद उन्हें उम्मीद थी कि अगर मैं दो दिन बाद इस्तीफा देने की बात कहूंगा, तो इसके खिलाफ जन आंदोलन होगा और मेरा पद बच जाएगा, जो नहीं हुआ।
  • इसके बाद 21 सितंबर को उन्होंने आतिशी मार्लेना को मुख्यमंत्री बनाया और उन्हें अस्थाई मुख्यमंत्री कहकर संवैधानिक व्यवस्थाओं का अपमान किया। साथ ही उन्होंने अपनी पुरानी महिला विरोधी सोच को दिखाया।
  • 22 सितंबर को आतिशी मार्लेना से मुख्यमंत्री कार्यालय में दो कुर्सियां लगवाकर नाटक करवाया और मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद की गरिमा को मजाक उड़ाया।
  • इसके बाद 25 अक्टूबर को ग्रेटर कैलाश में केजरीवाल ने खुद पर हमला करवाकर कार्ड चलाने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब रहे। इस बार थप्पाड़ कांड 2015 वाली कहानी चल नहीं पाई।
  • पूरे दिसंबर केजरीवाल ने बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं के वोट बचाने की कोशिश की और नए वोट बनवाने की कोशिश करते रहे। इसके अलावा फर्जी वोटर्स के वोट कटने से भी ये काफी परेशान हुए।
  • इसके बाद उन्होंने नए साल पर झूठी खबर उड़ाई कि उपराज्यपाल दिल्ली के मंदिरों को तुड़वाना चाहते हैं। ऐसा करके वो साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वे सफल नहीं हो पाए।
  • हाल ही में वे किसान नेता राकेश टिकैत से मिले और नौ जनवरी को केजरीवाल ने जाट समाज को लेकर राजनीति करने की कोशिश की। जाति के नाम पर राजनीति एक शर्मनाक हरकत है। आपकी पार्टी से भाजपा में शामिल हुए कैलाश गहलोत पहले ही दिल्ली देहात के जाटों को धोखा देने की पोल खोल चुके हैं।
  • नौ जनवरी को आपने चुनाव अधिकारियों की निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़े कर दिए। इन सब बातों से साफ समझ आ रहा है कि आप विधानसभा चुनाव में हार को लेकर चिंता में हैं। आप हमेशा से ही पूर्वांचल विरोधी रहे हैं। दिल्ली की जनता जानना चाहती है कि आप पूर्वांचल के लोगों से इतनी नफरत क्यों करते हैं?

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