दिल्ली विधानसभा से हटाया गया पत्रकारों का 'कैदखाना': तोड़ी गई शीशे की दीवार, विजेंद्र गुप्ता ने बताया 'काला धब्बा'

Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा में पत्रकारों के बैठने के लिए बनाए गए स्थान के बीच आने वाली शीशे की दीवार को हटाने का फैसला लिया गया है। विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने इसे मीडिया की आजादी पर काला धब्बा बताते हुए हटाने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि केजरीवाल सरकार ने विधानसभा में सदस्यों और पत्रकारों के बीच एक शीशे की दीवार लगवाई थी, जिसे अब हटा दिया जाएगा।
सदन की पूरी कार्यवाही की निगरानी कर सकेंगे पत्रकार
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गुप्ता ने कहा कि दिल्ली विधानसभा इकलौती ऐसी विधानसभा थी, जहां पर पत्रकार नहीं होते थे। ये मीडिया की आजादी पर एक काला धब्बा है। हमने कई विधानसभाओं और तस्वीरों का अध्ययन किया। इसके बाद इस शीशे की दीवार को हटाने का फैसला लिया गया गया है। शीशे की दीवार लगाकर पत्रकारों को अंदर आने से रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन अब पत्रकार सदन की पूरी कार्यवाही की निगरानी कर सकेंगे।
'केजरीवाल सरकार ने मीडिया को शीशे में बंद कर दिया था'
विजेंद्र गुप्ता ने आगे कहा कि केजरीवाल सरकार ने मीडिया को शीशे में बंद कर दिया था। इसके बाद से मीडियाकर्मी न के बराबर ही विधानसभा में आते थे। इस शीशे की दीवार को देखकर साफतौर पर लगता है कि विधानसभा में मीडिया न आए, इसके लिए कोशिश की गई थी। देश में कहीं भी, किसी भी विधानसभा में पत्रकारों के लिए शीशे में बंद स्थल नहीं हैं। इन शीशों को हटाने की मांग भी उठी थी, लेकिन इसके बावजूद भी इन शीशों को नहीं हटाया गया। हालांकि अब पत्रकारों के इस कैदखाने को खोल दिया गया है। अब पत्रकार सदन में बैठकर पूरी कार्यवाही को देख सकेंगे और कार्यवाही पर सामने से निगरानी रख सकेंगे।
