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दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली को 1650 इलेक्ट्रिक बसें मुफ्त में उपलब्ध कराईं। उनके इस बयान पर परिवहन मंत्री आपत्ति जताई थी। अब ये मामला सदन की विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है।

Delhi News: दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने सोमवार को नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के उस बयान को सदन की विशेषाधिकार समिति को भेज दिया, जिसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली को 1650 इलेक्ट्रिक बसें मुफ्त में उपलब्ध कराईं। सदन में उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए बिधूड़ी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली को 1,650 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक बसें मुफ्त उपलब्ध कराईं।

परिवहन मंत्री ने जताई थी आपत्ति

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने तुरंत इस पर आपत्ति जताई और अध्यक्ष से बिधूड़ी के निराधार बयान को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का आग्रह किया। गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि यह बयान पूरी तरह से गलत है। यह बहुत शर्मनाक है कि विपक्ष के नेता रिकॉर्ड पर आधारहीन बयान दे रहे हैं। इस मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजा जाना चाहिए।

बिधूड़ी ने लगाया ये आरोप

विधानसभा अध्यक्ष ने गहलोत के अनुरोध को स्वीकार करते हुए निर्देश दिया कि इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष का बयान विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है। बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) 10 हजार करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है और उसने कोई नई बस नहीं खरीदी है। गहलोत की आपत्ति के बाद बिधूड़ी ने कहा कि केंद्र ने दिल्ली में 1,650 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 650 करोड़ रुपये दिए हैं।

उन्होंने कहा कि मैं सत्ता पक्ष के सदस्यों से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे मेरी उम्र का कुछ सम्मान करें। मेरे पास कैबिनेट मंत्री का दर्जा है और मैं एक संवैधानिक पद पर हूं। मैं दिल्ली के लोगों के बारे में बात कर रहा हूं। मुझे इतना अपमानित न करें। बिधूड़ी ने कहा कि उनके बयान को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया है और अगर विधानसभा अध्यक्ष उन्हें निर्देश देंगे, तो वह नेता विपक्ष और विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे।

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