Namo Drone Didi Yojana: दिल्ली में महिलाएं भरेंगी सपनों की उड़ान, LG की निगरानी में 'नमो ड्रोन दीदी' योजना शुरू

Namo Drone Didi Yojana
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दिल्ली में 'नमो ड्रोन दीदी' योजना शुरू
Namo Drone Didi Yojana: उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना 'नमो ड्रोन दीदी' की शुरुआत की है।

Namo Drone Didi Yojana: राजधानी दिल्ली की महिलाओं को अधिक से अधिक रोजगार देने की शुरुआत की जा रही है। इसके लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना 'नमो ड्रोन दीदी' की शुरुआत की है। योजना के तहत शनिवार को दक्षिण-पश्चिम जिले के बडू सराय गांव में ड्रोन प्रदर्शन कार्यक्रमों के साथ योजना की विधिवत शुरुआत की गई, जबकि एलजी ने राजनिवास में इसकी औपचारिकता निभाई। आयोजन में काफी संख्या में महिला वालंटियर शामिल हुईं।

महिलाओं को ड्रोन उड़ाने की दी जाएगी ट्रेनिंग

जानकारी के अनुसार, दिल्ली की महिलाओं को अब ड्रोन के जरिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। सबसे पहले महिलाओं को ड्रोन उड़ाने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसके बाद यह महिलाएं विभिन्न प्रकार के सर्वे, इवेंट शूट, फोटोग्राफी, बीजारोपण, कीटनाशक छिड़काव आदि के क्षेत्र में आजीविका कमा सकेंगी।

LG ने की निगरानी में दिल्ली में शुरू हुई 'नमो ड्रोन दीदी' योजना

इस मौके पर एलजी ने कहा कि इस योजना को रोजगार के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के एक साधन के रूप में जोर दिया जा रहा है। दिल्ली के सभी जिलों के गांवों में संगठन द्वारा इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। एलजी ने कहा कि यह डेमोंस्ट्रेशन व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों में नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास और तकनीकी सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। महिलाओं को उच्च कोटि का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने पर सभी को ड्रोन पायलट लाइसेंस प्रदान किया जाएगा।

200 महिलाओं को दिए जाएंगे लाइसेंस

राज निवास के अनुसार राजधानी के विभिन्न जिलों में ऐसे करीब 200 लाइसेंस महिलाओं को दिए जाएंगे। एलजी द्वारा सुनिश्चित किया गया है कि प्रत्येक ड्रोन दीदी के प्रशिक्षण में लगने वाली लागत लगभग 25 हजार रुपये प्रति का खर्च सीएसआर फंडिंग के माध्यम से पूरा किया जाएगा।

प्रधानमंत्री की यह पहल ग्रामीण विकास के साथ उन्नत प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे ने केवल कृषि क्षेत्र में रोजगार और उद्यमिता के नए रास्ते खुलेंगे, बल्कि महिलाओं के जीवन में भी बड़ा बदलाव आएगा। इस योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों और लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा, तत्पश्चात उन्हें ड्रोन पायलट लाइसेंस दिया जाएगा। उन्हें किराए पर ड्रोन भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनका उपयोग वे विभिन्न गतिविधियों के लिए कर सकेंगे।

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