CAA Notification: देश में लागू हुआ सीएए, अधिसूचना जारी, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली और शाहीन बाग में बढ़ाई सुरक्षा

CAA implementation Security increased in delhi
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सीएए लागू होने के बाद दिल्ली में बढ़ाई सुरक्षा।
देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू कर दिया गया है। सीएए लागू होने के बाद नॉर्थ ईस्ट दिल्ली और शाहीन बाग में सुरक्षा बढ़ाई गई है।

CAA Notification: केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की अधिसूचना आज सोमवार को जारी कर दी है। सीएए लागू होने के बाद नॉर्थ ईस्ट दिल्ली और शाहीन बाग में सुरक्षा बढ़ाई गई है। सुरक्षाबलों ने शाहीन बाग इलाके में फ्लैग मार्च निकाला है। वहीं, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में सुरक्षा बढ़ाई गई है।

गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता

बता दें कि देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने से तीन पड़ोसी देशों के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का रास्ता साफ हो गया है। नए कानून से अंतर्गत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को आधिकारिक तौर पर भारत का नागरिक बनाया जा सकेगा।

गृह मंत्री ने किया था ऐलान

गृह मंत्री अमित शाह ने 10 फरवरी को एक कार्यक्रम में CAA लागू करने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि इस बारे में कोई कंफ्यूजन नहीं रहना चाहिए कि सीएए को लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा। देश के मुस्लिमों को भड़काया गया, संशोधित कानून में किसी भारतीय की नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं है।

2019 में संसद से हुआ था पारित

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) दिसंबर 2019 में संसद से पारित हो चुका है। सरकार का कहना है कि सीएए दूसरे देशों के शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, न कि किसी की नागरिकता छीनने के लिए। इसे लेकर देश में खासकर मुस्लिम समुदाय को भड़काया जा रहा है। CAA से किसी भारतीय की नागरिकता को संकट नहीं है। इस अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। सीएए तो बांग्लादेश और पाकिस्तान से लौटने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देगा, जो अत्याचारों के चलते भारत लौटकर आ गए थे।

क्या है सीसीए?

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा संसद में पेश किया गया था। इसमें गैर-मुस्लिम शरणार्थियों जैसे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। इसके दायरे में वे सभी शरणार्थी आएंगे, जो कि 31 दिसंबर 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से लौटकर भारत में बस गए थे। दिसंबर 2019 में सीएए के संसद में पास होने के बाद देशभर में मुस्लिम समुदाय ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था।

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