आशा किरण शेल्टर होम केस: न्याय की नहीं कोई 'किरण', आयुक्त की कुर्सी खाली, आप-एलजी के बीच जुबानी जंग जारी

Asha Kiran Shelter Home Case
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आशा किरण होम मामले पर जुबानी जंग जारी।
Asha Kiran Shelter Home: दिल्ली के आशा किरण होम में 14 मौतों के मामले में आप सरकार और एलजी वीके सक्सेना के बीच जुबानी जंग जारी है।

Asha Kiran Shelter Home: दिल्ली के आशा किरण होम में 14 मौतों के मामले में आप सरकार और एलजी वीके सक्सेना के बीच जुबानी जंग जारी है। दिल्ली सरकार ने एलजी पर आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भ्रष्ट अधिकारी राहुल अग्रवाल आशा किरण होम की जिम्मेदारी सौंपी। आप के आरोप पर एलजी ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि प्रशासक की नियुक्ति समाज कल्याण विभाग द्वारा आंतरिक रूप से की गई थी, जो मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्री के नियंत्रण में है। उधर, एससीपीडी दिव्यांगजनों से संबंधित किसी भी मामले का समाधान नहीं कर सकता, क्योंकि शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए कोई आयुक्त ही नहीं है। जनवरी 2024 से राज्य विकलांग व्यक्ति आयोग के आयुक्त का पद खाली पड़ा है।

एससीपीडी में आयुक्त का पद खाली

विकलांग व्यक्तियों के लिए मुख्य आयुक्त कार्यालय (सीसीपीडी) के अनुसार, देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली एकमात्र ऐसा राज्य है। जहां एससीपीडी आयुक्त नहीं है। एससीपीडी दिव्यांगजनों से संबंधित किसी भी मामले का समाधान नहीं कर सकता, क्योंकि शिकायतों पर कार्रवाई करने का अधिकार केवल राज्य आयुक्त को है। आयुक्त की अनुपस्थिति के चलते शिकायतों की नियमित सुनवाई सहित कई कार्यों बाधित हैं। दिल्ली में इस पद पर एयर कमोडोर रंजन मुखर्जी ने 2021 से जनवरी 2024 तक सेवा की, उनके बाद से यह पद अभी तक खाली है। जिसके चलते शिकायतों पर न ही तो कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही कोई गौर की जा रही है।

सीसीपीडी के अनुसार, दिल्ली विकलांग व्यक्तियों के अधिकार नियम, 2018 के नियम 42 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य आयुक्त का पद खाली होने से कम से कम छह महीने पहले इस पद पर आवेदन आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया जाना चाहिए, जिसका दिल्ली में पालन नहीं किया गया है। दिल्ली सरकार को इस अव्यवस्था को रोकने के लिए पिछले आयुक्त का कार्यकाल बढ़ा देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। एससीपीडी के पास अपना प्रमुख होता तो आशा किरण में जो स्थिति पैदा हुई, उसे टाला जा सकता था।

LG ने आप के आरोप का दिया जवाब

वहीं, दिल्ली सरकार ने एलजी पर आरोप लगाया कि उन्होंने आशा किरण होम की जिम्मेदारी भ्रष्ट अधिकारी राहुल अग्रवाल को सौंपी थी। अब दिल्ली सरकार के आरोप का एलजी ने जवाब दिया है कि उपराज्यपाल द्वारा उनकी नियुक्ति नहीं की गई है। प्रशासक की नियुक्ति समाज कल्याण विभाग द्वारा आंतरिक रूप से की गई थी, जो मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्री के नियंत्रण में है।

दानिक्स अधिकारी होने के नाते प्रशासक को तत्कालीन उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद 15 फरवरी, 2021 को समाज कल्याण विभाग में तैनात किया गया था। इसके बाद संबंधित मंत्री ने राहुल अग्रवाल आशा किरण होम का प्रशासक नियुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि आप के दावे सरासर गलत और भ्रामक है।

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