बच्चों को ऐसे बताएं ''गुड टच-बैड टच'', बच सकती है मासूम की जान
स्कूल, पार्क, बस, ट्यूशन में आए दिन बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले में सुनने को मिलते हैं। अगर आपको अपने मासूम के लिए कुछ ऐसी चिंता सताती है, तो अपने बच्चों को ''गुड टच-बैड टच'' के बारे में ऐसे बताएं।

स्कूल, पार्क, बस, ट्यूशन में आए दिन बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले में सुनने को मिलते हैं। ऐसे में क्या आपके मन में यह सवाल नहीं आता कि कल ऐसा हमारे बच्चे के साथ भी तो हो सकता है, इसके लिए क्या करें?
अगर आपको अपने मासूम के लिए कुछ ऐसी चिंता रखते हैं, तो उसका हल इस रिपोर्ट में है। इसके लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी होगी और बच्चे के साथ थोड़ा टाइम स्पेंट करना पड़ेगा।
जरूरी है 'गुड टच-बैड टच' की एजुकेशन
साइकोलॉजिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट मालविका राव का कहना है कि बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए सबसे जरूरी है कि उन्हें गुड टच और बैड टच की एजुकेशन दी जाए। बच्चों को पता होना चाहिए कि किन लोगों का किस तरह से छूना सही है किन लोगों का गलत। इस एजुकेशन की शुरूआत घर से ही हो सकती है।
अगली स्लाइड में देखें कि अपने बच्चों को कैसे करें एजुकेट...
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