RBI Action: पेटीएम के बाद आरबीआई के निशाने पर आया ये ऐप, बैंक का निर्देश- 15 मई तक लौटाएं सभी यूजर्स के पैसे

RBI Ban TalkCharge Technologies
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RBI Action: रिजर्व बैंक ने उपभोक्ताओं सलाह दी है कि वेबसाइट या ऐप का इस्तेमाल करते समय और किसी भी अनधिकृत यूनिट को अपना पैसा देते वक्त पूरी सावधानी बरतें। ताकि भविष्य में परेशानियों से बचा जा सके।  

RBI Action: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने प्रीपेड भुगतान उत्पाद (PPI) जारी करने वाली कंपनी टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड पर शिकंजा कसा है। केंद्रीय बैंक ने कंपनी को ग्राहकों के वॉलेट में पड़ी प्रीपेड रकम वापस करने के निर्देश दिए हैं। आरबीआई की ओर से जारी निर्देशों का मकसद ग्राहकों की सुरक्षा और उनके वित्तीय हितों की रक्षा करना है। बैंक ने लोगों को भी सलाह दी है कि वे इस नियम का पालन करें और किसी अनधिकृत वेबसाइट, ऐप या कोई अविश्वसनीय यूनिट के साथ वित्तीय लेन-देन करने से परहेज करें।

बिना मंजूरी के PPI जारी कर रही थी कंपनी
भारतीय रिजर्व बैंक से मिले निर्देशों के आधार पर टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज ने तुरंत कार्रवाई की और अपने ग्राहकों को पैसे वापस करने का काम शुरू कर दिया है। पिछले दिनों शीर्ष बैंक को जानकारी मिली थी कि गुड़गांव स्थित टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज पेमेंट और निपटान प्रणाली के नियमों के तहत मंजूरी मिले बगैर ही अपनी वेबसाइट और ‘टॉकचार्ज’ ऐप के माध्यम से पीपीआई जारी कर रही है। जिसके बाद आरबीआई ने कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया।

कैशबैक रिकवरी के लिए लीगल नोटिस की धमकी!
रिजर्व बैंक को बीते दिनों एक शिकायत से पता चला था कि टॉकचार्ज कंपनी ने ग्राहकों को कैशबैक रिकवरी के लिए कानूनी नोटिस (लीगल नोटिस) जारी किया है। इसमें कंपनी ने कहा कि अगर ग्राहक वेबसाइट या ऐप से मिला कैशबैक नहीं लौटाएंगे तो इस मामले में रिजर्व बैंक से सामने उठाया जाएगा। कंपनी के इस दावे से ग्राहकों को लगा कि कंपनी की ओर से कैशबैक की मांग आरबीआई के नियमों के हिसाब से की जा रही है, लेकिन ऐसा नहीं था।

टॉकचार्ज को 17 मई तक लौटाना होगा प्रीपेड फंड
इस मामले में रिजर्व बैंक को स्पष्ट करना पड़ा कि उसने टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज कंपनी को सिर्फ वॉलेट में पड़ी प्रीपेड रकम ग्राहकों को वापस करने का निर्देश दिया है। बैंक ने टॉकचार्ज को PPI या वॉलेट जारी करने और इसके ऑपरेशन पर रोक लगाने के साथ 15 दिन में वॉलेट में मौजूद फंड ग्राहकों को वापस करने को कहा था। कंपनी की मांग पर आदेश लागू होने की डेडलाइन बढ़ाकर 17 मई की गई है। बता दें कि इससे पहले रिजर्व बैंक पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर प्रतिबंध लगा चुका है। एक दिन पहले ही कोटक बैंक के ऑनलाइन खाते बैंन किए गए हैं।

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