''गाली'' देकर बात करने वाले होते हैं ज्यादा ईमानदार: रिसर्च
गाली गलौच से बात करने वालें लोग कपटी नहीं होते हैं।

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नई दिल्ली. कहते हैं कि जो लोग मुंहफट होते हैं वो दिल के साफ होते हैं। बिला लाग-लपेट लपेट के सीधी बात करने वाले औरों से कहीं ज्यादा ईमानदार होते हैं। आप उन लोगों से हमेशा नाराज रहते हैं जो ज्यादा गाली-गलौच से बात करते हैं लेकिन हम आपको बता दें कि वह शख्श दूसरे लोगों की तुलना में ज्यादा ईमानदार हो सकते हैं।
यह रिसर्च ‘सोशल साइकोलॉजीकल और पर्सनालिटी साइंस' नामक पत्रिका में छपी है। ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के शोधार्थी का कहना है कि, ‘गाली देना और बेईमानी दोनों एक-दूजे से जुड़े हैं। वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया है कि जो लोग बिना किसी लाग-लपेट के अक्सर कुछ भी बोल देते हैं, वह ईमानदार होते हैं। ऐसे लोग छल-कपट वाले नहीं होते हैं। बात में हमेशा गालियों और अश्लील भाषा का इस्तेमाल करने वाले लोगों से सभी नफरत करते हैं। ऐसे लोगों को समाज में जाहिल गंवार कहा जाता है। ऐसी भाषा को लोग गंदी और असभ्य भाषा मानते हैं।
आमतौर पर लोग गुस्से और हंसी-मजाक में गालियों का इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना अपनी बातो को हमेशा कम शब्दों में और साधारण तौर पर लोगों के सामने रखते हैं। हम आपको बता दें कि ऐसे लोग मुंह से भले गंदे शब्द निकाले लेकिन दिल से वह सच्चे होते हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि बेईमानी और गाली बकना यूं तो गलत और असभ्य माना जाता है। तो वहीं दूसरी तरफ साफ बोलने वालों को ईमानदारी के जोड़ा जाता है। आमतौर गाली देने के साथ बात करने वाले लोग निष्कपट और ईमानदार होते हैं।
एक दूसरे सर्वेक्षण में 75000 फेसबुक उपयोगकर्ताओं के बीच किए गए शोध के डाटा को शामिल किया गया जो बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया में अपनी बातचीत में इन अश्लील शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग ज्यादा गालियों का इस्तेमाल करते हैं उन शब्दों को पिछले शोध के आधार पर ऐसे शब्दों के ज्यादा करीब पाया जिसका उपयोग ईमानदारी के संदर्भ में अधिक किया जाता है।
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