Excessive sweating: ज्यादा पसीना आना न करें नज़रअंदाज़, इन बीमारियों की हो सकती है शुरुआत

Excessive sweating may signs of five diseases
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ज्यादा पसीना आना 5 बीमारियों का हो सकता है संकेत।

Excessive sweating: कई लोगों को जरूरत से ज्यादा पसीना आता है। ऐसी स्थिति को नज़रअंदाज करना समझदारी नहीं है। ये कुछ बीमारियों के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।

Excessive sweating: गर्मी या एक्सरसाइज के दौरान पसीना आना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। लेकिन अगर बिना किसी वजह के, ठंडे मौसम में या मामूली काम करने पर भी अत्यधिक पसीना आने लगे, तो यह सिर्फ सामान्य नहीं शरीर के अंदर छिपी किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, पसीना आना शरीर की डिटॉक्स प्रक्रिया का हिस्सा जरूर है, लेकिन बार-बार और जरूरत से ज्यादा पसीना किसी स्वास्थ्य समस्या का शुरुआती लक्षण भी हो सकता है। आइए जानते हैं, ज्यादा पसीना आने की स्थिति किन बीमारियों से जुड़ी हो सकती है।

ज्यादा पसीना 5 बीमारियों का हो सकता है संकेत

थायरॉइड असंतुलन: अगर आप मामूली गतिविधि में भी पसीने से तर-बतर हो जाते हैं, तो यह हाइपरथायरॉइडिज्म का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में शरीर के हार्मोन अधिक सक्रिय हो जाते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है और शरीर अत्यधिक गर्मी पैदा करने लगता है। इसके साथ घबराहट, वजन कम होना और दिल की धड़कन बढ़ना भी दिख सकता है।

डायबिटीज: डायबिटीज मरीजों में ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव से भी अधिक पसीना आने लगता है। जब ब्लड शुगर बहुत कम हो जाता है (हाइपोग्लाइसीमिया), तब शरीर खुद को संतुलित करने के लिए अधिक पसीना पैदा करता है। खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर पसीना आना इसका प्रमुख लक्षण है।

दिल की बीमारी: अगर बिना मेहनत किए, या हल्के तनाव में भी पसीना आने लगे तो यह दिल से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। खासकर अगर इसके साथ सीने में दर्द, चक्कर, सांस फूलना या बेचैनी महसूस हो, तो यह हृदयाघात (हार्ट अटैक) का शुरुआती संकेत भी हो सकता है। ऐसे में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

तनाव और चिंता: मानसिक तनाव और चिंता भी शरीर की पसीना ग्रंथियों को प्रभावित करते हैं। तनाव के दौरान एड्रेनालिन हार्मोन बढ़ जाता है, जो शरीर को 'फाइट ऑर फ्लाइट' मोड में ले आता है। ऐसे में हथेलियों, पैरों और बगल में अधिक पसीना आता है। यह स्थिति मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी होती है।

इंफेक्शन या बुखार की शुरुआत: कभी-कभी ज्यादा पसीना आना किसी छिपे हुए इंफेक्शन या बुखार के शुरुआती संकेत के रूप में भी देखा जाता है। टायफाइड, मलेरिया या वायरल संक्रमण के दौरान शरीर तापमान को सामान्य करने के लिए बार-बार पसीना निकालता है। अगर पसीने के साथ शरीर में थकान या दर्द महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज न करें।

(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी डॉक्टर/विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)

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