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अब नहीं गूंजेगी रावण की गर्जना... नहीं रहे रामायण में 'रावण' का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी।

बीती रात (मंगलवार) अरविंद त्रिवेदी का हार्ट अटैक आने की वजह से हुआ निधन। अभिनेता रजा मुराद, गोविंद नामदेव और मप्र नाट्य विद्यालय के निदेशक आलोक चटर्जी ने किए श्रद्धा सुमन अर्पित।

अब नहीं गूंजेगी रावण की गर्जना... नहीं रहे रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी।
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भोपाल। बीती रात (मंगलवार) अरविंद त्रिवेदी को हार्ट अटैक आने की वजह से उनका निधन हो गया। रामानंद सागर की 'रामायण' में रावण का किरदार निभा चुके एक्टर अरविंद त्रिवेदी का निधन हो गया। अरविंद त्रिवेदी ने 82 साल की उम्र में दुनिया से विदा ले ली है। एक्टर लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बीती रात (मंगलवार) अरविंद त्रिवेदी को हार्ट अटैक आने की वजह से उनका निधन हो गया। रामायण में रावण के जिस सशक्त किरदार को अरविंद त्रिवेदी ने निभाया उसके आसपास शायद किसी भी कलाकार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। ऐसे ही दमदार किरदार के कलाकार के जाने से इंडस्ट्री में गम की लहर है। हरिभूमि से बात चीत में इंडस्ट्री से जुड़े कलाकारों ने अरविंद त्रिवेदी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

रहती दुनिया तक रावण का किरदार अमर कर गए

अरविंद त्रिवेदी के जाने पर एक्टर रजा मुराद का कहना है कि मेरी अरविंद जी से कई मुलाकातें हुई हैं। गाहे-बगाहे हम मिलते रहते थे लेकिन रावण के किरदार में उन्होंने जो छाप छोड़ी है वह अमिट है रामायण देखो तो रावण के किरदार में उन्हीं की छवि दिखाई देती है। वह स्वाभिमानी थे जो जिंदगी अपने तरीके से जीते जीते थे जीवन में कोई समझौता नहीं किया। जहां मुनासिब लगा वहां काम किया। उन्हें हिंदी फिल्म जिंदगी में जो रोल पृथ्वीराज ने निभाया था, उसी का गुजराती वर्जन बना जिसमें अरविंद जी को रोल दिया गया इसके लिए उन्होंने मना कर दिया और फिर वो किरदार मैंने निभाया। उनका बहुत बड़ा स्वाभिमान था। राजनीति में भी थे कम बोलते थे लेकिन वजनदार बात करते थे। उन्होंने जो रोल निभाया है, उनसे बेहतरीन कोई भी उस रोल को नहीं निभा सकता। रावण के किरदार में तो रहती दुनिया तक अमर हो गए ।

कुछ मिनट की चर्चा में जान गया कि वह काफी डाउन टू अर्थ व्यक्ति थे

अभिनेता गोविंद नामदेव का कहना है कि मुझे तो उनका खबर सुनकर बहुत ही धक्का सा लगा और वह बहुत ही विनम्र स्वभाव के और मृदुभाषी व्यक्तित्व के इंसान थे। रावण के किरदार से एकदम अलग उनका व्यक्तित्व था मेरी उनसे 5 साल पहले एक फंक्शन में मुलाकात हुई और हमने करीब आधा पौन घंटा तक बात की। मुझे उसी समय लगा कि वह बहुत डाउन टू अर्थ व्यक्ति हैं। विनम्रता और मृदुभाषी से भरे हुए, कम बोलने वाले और मैं उनसे कुछ मिनट की चर्चा में काफी प्रभावित हुआ। बहुत अच्छा कलाकार था जिसे हमने खो दिया है। उनको मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।

रावण के रोल में अमित छाप छोड़ने वाले व्यक्ति थे वह

मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय के निदेशक आलोक चटर्जी का कहना है कि मेरी उनसे मुलाकात नहीं हुई लेकिन रामायण में उन्होंने जो भूमिका निभाई, उसमें रावण के चरित्र से घृणा नहीं हुई उसका स्वाभिमान उसकी शिव भक्ति देखने को मिली। ऐसा रोल निभाया था उनकी उसमें अमिट छाप बन गई जैसे नारद के रोल में जीवन कुमार राम के रोल में अरुण गोविल , हनुमान के रोल में दारा सिंह की अमिट छाप है वैसे ही रावण के किरदार के लिए अरविंद से बेहतर और कोई व्यक्ति हो ही नहीं सकता थ। जिसमें उन्होंने आंखों का अच्छा प्रयोग किया शिव तांडव स्त्रोत का पाठ किया है उससे अंकारी भक्तों की भूमिका स्पष्ट रूप से दिखाई दी है, उन्होंने इस इमेज को जी लिया है। गुजरात में सांसद रहे राजनीति में भी रहे ने के बाद भी रंगमंच और अभिनय से ही उनका जुड़ाव रहा है उनका अभिनय रावण के किरदार के रूप में हमेशा हमारे सामने रहेगा।


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