AIIMS Bhopal: एम्स भोपाल में किया गया स्टेज 4 कैंसर का इलाज, इम्यूनोथेरेपी के माध्यम से मिली सफलता

AIIMS Bhopal:  AIIMS भोपाल के रेडियोथेरेपी विभाग ने स्टेज 4 कैंसर के इलाज में इम्यूनोथेरेपी से सफलता हासिल की है। रेडियोथेरेपी विभाग इम्यूनोथेरेपी का उपयोग करके कैंसर वाले दो रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। यह इलाज कार्यपालक निदेशक डॉ. अजय सिंह के नेतृव्य में किया गया। 

Updated On 2024-02-20 20:05:00 IST
एम्स भोपाल।

AIIMS Bhopal:  AIIMS भोपाल के रेडियोथेरेपी विभाग ने स्टेज 4 कैंसर के इलाज में इम्यूनोथेरेपी से सफलता हासिल की है। रेडियोथेरेपी विभाग इम्यूनोथेरेपी का उपयोग करके कैंसर वाले दो रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। यह इलाज कार्यपालक निदेशक डॉ. अजय सिंह के नेतृव्य में किया गया। 

एम्स भोपाल में प्रत्येक दिन विशेष प्रकार के जटिल ऑपरेशन व इलाज किए जाते हैं। ऐसा ही मंगलवार के दिन रेडियोथेरेपी विभाग ने स्टेज 4 कैंसर के इलाज में इम्यूनोथेरेपी से सफलता हासिल की है। इम्यूनोथेरेपी, कैंसर के उपचार में एक गेम-चेंजर का काम करती है जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में दुष्प्रभावों को कम करते हुए, लक्षित और प्रभावी परिणामों के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का उपयोग करती है। निदेशक डॉ. अजय सिंह की दृष्टिकोण ने अत्याधुनिक सुविधाओं और सामर्थ्य योजनाओं को नई तरकीब दी है।

दो रोगियों का किया गया इलाज
एम्स भोपाल देश का एक अग्रणी कैंसर उपचार स्थल बन गया है। मंगलवार को रेडियोथेरेपी विभाग इम्यूनोथेरेपी का उपयोग करके उन्नत चरण के कैंसर वाले दो रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज करता है। दोनों मामले, एक स्टेज 4 फेफड़ों के कैंसर और मस्तिष्क मेटास्टेसिस के साथ और दूसरा स्टेज 4 ग्रासनली कैंसर के साथ जो पारंपरिक उपचारों के लिए प्रतिरोधी है, इम्यूनोथेरेपी की क्षमता को प्रदर्शित करते हैं।

कैंसर इलाज में मिली एम्स भोपाल को सफलता
इलाज के बाद मरीजों को पूरी तरह से राहत मिली, जिससे आक्रामक कैंसर से जूझ रहे लोगों के लिए आशा की किरण जगी। डॉ. राजेश पसरीचा प्रतिरोधी उन्नत कैंसर के इलाज में इम्यूनोथेरेपी की अपार क्षमता पर जोर देते हैं, जो अनगिनत व्यक्तियों के लिए आशा की किरण प्रदान करता है। एम्स भोपाल की ये सफलताएं कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाती हैं।

इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
कैंसर का इलाज निदेशक डॉ. अजय सिंह के नेतृव्य में किया गया। उनके साथ प्रोफेसर डॉ. राजेश पसरीचा, प्रोफेसर डॉ. मनीष गुप्ता, अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. सैकत दास और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विपिन खराडे सहित कई डॉक्टर शामिल रहे।

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