Hari Singh Death: हरियाणा के पूर्व CM चौधरी बंसीलाल के भाई हरि सिंह का 80 साल की उम्र में निधन, पैतृक गांव में अंतिम संस्कार
Former CM Brother Hari Singh Death: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के छोटे भाई हरि सिंह का आज भिवानी में निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि आज सुबह उन्हें हार्ट अटैक आया था, जिसकी वजह से उनका निधन हो गया।
Former CM Brother Hari Singh Death: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के छोटे भाई हरि सिंह का आज सुबह 4 मई रविवार को 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि हरि सिंह ने भिवानी में अपने पैतृक गोलागढ़ गांव में अंतिम सांस ली है। हरि सिंह की मृत्यु हार्ट अटैक आने की वजह से हुई है। हरि सिंह को पोते अनिरुद्ध चौधरी ने कंधा दिया, इसके बाद उनके पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके तीनों बेटों ने उन्हें एक साथ मुखाग्नि दी है।
हरि सिंह खेती बाड़ी करते थे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल प्रदेश के चार बार सीएम रह चुके हैं। बंसीलाल आठ भाई-बहन थे। इनमें हरि सिंह सातवें नंबर थे। बताया जा रहा है कि हरि सिंह चार बच्चों के पिता थे। हरि सिंह गांव में रहकर खेतीबाड़ी करते थे। हरि सिंह के गांव के ही सरपंच प्रतिनिधि संदीप का कहना है कि शनिवार को हरि सिंह बिल्कुल ठीक थे, लेकिन आज सुबह उन्हें हार्ट अटैक आ गया, जिससे उनका निधन हो गया। सरपंच संदीप के मुताबिक हरि सिंह BJP की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी के वह चाचा ससुर थे।
हरि सिंह के चारों बच्चे सरकारी विभाग में अच्छे पद पर कार्यरत
हरि सिंह के बड़े बेटे का नाम राजकुमार है और वह रिटायर्ड प्रिंसिपल हैं। उनका दूसरा बेटा हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद से रिटायर्ड हैं। उनका तीसरा बेटा विजय कुमार पीजीटी संस्कृत लेक्चरर हैं। चौथे नंबर के संत कुमार लोहारू कोर्ट में जज के रीडर को तौर पर काम करते हैं।
बंसीलाल का राजनीतिक सफर कैसे शुरू हुआ ?
जानकारी के मुताबिक, ऐसा कहा जा रहा है कि बंसीलाल जब पढ़ाई कर रहे थे, तब वह आंदोलन में भाग लेते थे। उस दौरान उनकी मुलाकात सिख नेता सरदार दरबारा सिंह से हुई। ऐसा कहा जाता है कि बंसीलाल का राजनीतिक सफर सरदार दरबारा सिंह की वजह से हुआ था। दरबारा सिंह भी पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद दरबारा सिंह भिवानी के लोहारू रियासत के दरबार में वकालत करते थे।
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बंसीलाल ने 'हरियाणा विकास पार्टी बनाई'
साल 1957 में उन्होंने हिसार से डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ा था। चुनाव जीतने के बाद दरबारा सिंह अध्यक्ष बन गए। इसके बाद बंसीलाल के राजनीतिक सफर की शुरुआत हो गई। ऐसा कहा जाता है कि बंसीलाल पहले पंजाब कांग्रेस कमेटी का हिस्सा रहे। इसके बाद 1960 तक उन्हें राजनीतिक गलियारों में उनकी पहचान बन गई। 1991 में बंसीलाल कांग्रेस से अलग हो गए थे और उन्होंने हरियाणा विकास पार्टी बनाई। इसके बाद इस पार्टी का बंसीलाल ने 2004 में कांग्रेस में विलय कर दिया था। 2006 में बंसीलाल का निधन हो गया था।
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(Edited by: Usha Parewa)