भिवानी में हनीट्रैप गैंग का पर्दाफाश: सोशल मीडिया पर दोस्ती कर ब्लैकमेलिंग, अपनों को ही फंसाता था मास्टरमाइंड

हाल ही में गिरोह ने हिसार के एक ठेकेदार से वीडियो वायरल करने की धमकी देकर 5 लाख रुपये ऐंठने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई कर दो महिलाओं समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

Updated On 2025-12-24 14:35:00 IST

पुलिस की पकड़ में हनीट्रैप ट्रैप के आरोपी। 

हरियाणा के भिवानी जिले में पुलिस ने एक ऐसे शातिर 'हनीट्रैप' गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो सोशल मीडिया के जरिए लोगों को अपने प्रेमजाल में फंसाकर लाखों रुपये ऐंठ रहा था। इस गैंग की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसका सरगना अपने ही जानकारों और सर्कल के लोगों को निशाना बनाता था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दो शादीशुदा महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। पुलिस की गिरफ्त में आए इस गिरोह ने अब तक हिसार और झज्जर के लोगों से करीब 8 लाख रुपये वसूलने की बात कबूली है।

फेसबुक पर दोस्ती और फिर जुर्म का 'स्टार्टअप'

पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि इस पूरे गोरखधंधे का मास्टरमाइंड चरखी-दादरी के जैवली गांव का रहने वाला 35 वर्षीय संदीप है। संदीप कम समय में अमीर बनने के सपने देख रहा था। उसने अपने गांव के ही साथी राहुल को इस योजना में शामिल किया। संदीप ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और फेसबुक के जरिए उसकी मुलाकात प्रिया नाम की महिला से हुई।

चैटिंग के दौरान ही इन लोगों ने 'हनीट्रैप' के जरिए पैसे कमाने का ब्लूप्रिंट तैयार किया। तय हुआ कि संदीप शिकार की पहचान करेगा, प्रिया उन्हें अपने जाल में फंसाएगी और राहुल सुरक्षित ठिकानों का इंतजाम करेगा। इसी बीच राहुल की मुलाकात सोशल मीडिया पर सीमा नाम की महिला से हुई, जो इस गिरोह के लिए कमरे और ठिकाने उपलब्ध कराने का काम करने लगी।

हिसार के ठेकेदार के साथ रची गई घिनौनी साजिश

गैंग ने अपनी सबसे बड़ी वारदात हिसार के एक ठेकेदार देवेंद्र के साथ अंजाम दी। देवेंद्र को 16 अक्टूबर को प्रिया के नाम से एक वॉट्सऐप मैसेज मिला। धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और 22 अक्टूबर को प्रिया ने देवेंद्र को मिलने के लिए भिवानी बुलाया। प्रिया उसे भिवानी बस स्टैंड से अपनी स्कूटी पर बैठाकर हनुमान ढाणी स्थित एक मकान में ले गई।

मकान में पहुंचते ही प्रिया ने साजिश के तहत देवेंद्र को कपड़े उतारने पर मजबूर किया और खुद भी निर्वस्त्र हो गई। इसी दौरान पहले से छिपे संदीप और राहुल कमरे में धमक पड़े। उन्होंने देवेंद्र के साथ मारपीट की और नग्न अवस्था में उसका वीडियो बना लिया। वीडियो वायरल करने और दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर आरोपियों ने 10 लाख रुपये की मांग की। डर के मारे पीड़ित ने 99 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए और 4 लाख रुपये के चेक भी दिए।

लालच ने पहुंचाया सलाखों के पीछे

आरोपी यहीं नहीं रुके। आसानी से पैसे मिलने के बाद उनका लालच बढ़ गया और उन्होंने 24 अक्टूबर को दोबारा पैसों की मांग शुरू कर दी। ब्लैकमेलिंग से तंग आकर पीड़ित ठेकेदार ने हिम्मत जुटाई और भिवानी पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई। चूंकि लेनदेन डिजिटल माध्यम से हुआ था, इसलिए पुलिस ने तकनीकी जांच के आधार पर जाल बिछाया और गैंग के चारों सदस्यों को दबोच लिया।

झज्जर में भी बनाया था शिकार, 5 लोग और थे निशाने पर

DSP मुख्यालय महेश कुमार ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वे इससे पहले झज्जर के एक व्यक्ति को भी इसी तरह फंसाकर 3 लाख रुपये ऐंठ चुके हैं। पुलिस को शक है कि समाज में बदनामी के डर से कई और पीड़ितों ने चुपचाप पैसे दे दिए होंगे और वे सामने नहीं आए। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, गैंग के निशाने पर 5 और लोग थे, लेकिन उससे पहले ही सीआईए स्टाफ और स्थानीय पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।

संदीप और राहुल दो दिन के पुलिस रिमांड पर हैं, जबकि प्रिया और सीमा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब उन अन्य ठिकानों और पीड़ितों की तलाश कर रही है जो इस गैंग का शिकार बने।

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