Eye Health: 4 बीमारियां कम कर सकती हैं आंखों की रोशनी, ऐसे रखें अपनी आंखों को ख्याल
Eye Health: आंखों की देखभाल करना बेहद जरूरी है। कई बार कुछ बीमारियां आंखों की रोशनी पर प्रभाव डालती हैं। जानते हैं उनके बारे में।
Eye Health: आजकल आंखों की रोशनी कम होने की समस्या अधिकांश लोगों में देखी जा रही है जिसके कई कारण हो सकते हैं। अक्सर हम अपनी आंखो की देखभाल को लेकर लापरवाही करते रहते हैं जिसके कारण नंबर वाला चश्मा लगाना ही पड़ता है। वर्तमान की बात करें तो केवल बढ़ती उम्र ही नहीं, बल्कि कई प्रकार की बीमारियां और लाइफस्टाइल भी आंखों की रोशनी कम करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
समय पर पहचान और सही इलाज न होने पर ये बीमारियां पूरी तरह से आंखों की रोशनी छीन सकती हैं। कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल, इंदौर के नेत्र रोग विशेषज्ञ राजदीप जैन बीमारियों से आंखों की रोशनी के बचाव के तरीके और आई केयर टिप्स बता रहे हैं।
4 बीमारियों में कम होने लगती है आंखों की रोशनी
डायबिटीज से आंखों पर असर: डायबिटीज आंखों के लिए सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है। लंबे समय तक ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा रहने से रेटिना की रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिसे डायबिटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है। इसके शुरुआती लक्षणों में धुंधला दिखाई देना, आंखों के आगे तैरते धब्बे या रोशनी की चमक दिखना शामिल है। ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना और नियमित आंखों की जांच कराना जरूरी है।
हाई ब्लड प्रेशर से आंखों पर दबाव: हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप से भी आंखों की नसों पर दबाव पड़ता है। इससे हायपरटेंसिव रेटिनोपैथी जैसी स्थिति बन सकती है, जो धीरे-धीरे दृष्टि को कमजोर करती है। आंखों में लालिमा, धुंधलापन और सिरदर्द इसके संकेत हैं।
ग्लूकोमा से नज़र कमजोर: ग्लूकोमा में आंख के अंदर का दबाव बढ़ जाता है, जिससे ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचता है। यह बीमारी धीरे-धीरे दृष्टि को नष्ट करती है और यदि समय पर उपचार न किया जाए, तो स्थायी अंधेपन तक पहुंचा सकती है।
विटामिन्स की कमी से आंखों को नुकसान: विशेष रूप से विटामिन A की कमी से आंखों में सूखापन, धुंधलापन और रात में देखने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कैसे रखें अपनी आंखों को सुरक्षित
- हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, शकरकंद, मछली और फल अपने भोजन में शामिल करें।
- ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें।
- धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन न करें।
- सूरज की तेज रोशनी से आंखों को बचाने के लिए सनग्लासेस पहनें।
- हर छह महीने में एक बार नेत्र जांच अवश्य कराएं।
- कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन का उपयोग सीमित समय तक करें और बीच-बीच में आंखों को आराम दें।
किसी भी तरह से यदि आंखों से संबंधित परेशानी हो रही हो तो उसे नजरअंदाज न करें और समय पर जांच कराएं जिससे न केवल आंखों की रोशनी को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी डॉक्टर/विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)
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(लेखक:कीर्ति)