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Trikonasana Benefits: योगासन हमारे शरीर को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं। त्रिकोणासन रीढ़ को मजबूत, लचीला बनाकर तनाव दूर करता है।

Trikonasana Benefits: शरीर को हेल्दी रखने में त्रिकोणासन का अभ्यास अहम भूमिका निभा सकता है। भारतीय संस्कृति में शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए सदियों से योगासन किए जाते रहे हैं। योगासन शरीर की सभी बीमारियों को दूर भगाने का काम करते हैं। योग्य प्रशिक्षक से सीखकर अगर सही तरीके से योगासन का अभ्यास किया जाए तो इसके चमत्कारी लाभ तक देखने को मिल सकते हैं। त्रिकोणासन करने से फेफड़े मजबूत होते हैं। 

इस आसन का अभ्यास शरीर का संतुलन बेहतर बनाता है। इसके साथ ही इससे पाचन तंत्र में सुधार होता है। तनाव घटाने के साथ ही रीढ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाने का काम भी ये आसन करता है। आइए जानते हैं इसके फायदे और अभ्यास की विधि।

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त्रिकोणासन करने के फायदे

पैरों और कमर को मजबूत बनाता है: त्रिकोणासन पैरों, जांघों और कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

रीढ़ की लचीलापन में सुधार करता है: यह आसन रीढ़ की हड्डी को खींचता है और उसकी लचीलापन में सुधार करता है।

पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है: त्रिकोणासन पाचन तंत्र को उत्तेजित करने में मदद करता है। इससे कब्ज, अपच जैसी समस्याओं का निदान होता है।

तनाव और चिंता को कम करता है: यह आसन तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। इसका नियमित अभ्यास करने से अंतर महसूस होगा।

संतुलन में सुधार करता है: त्रिकोणासन संतुलन और समन्वय में सुधार करने में मदद करता है। इससे खड़े रहने पर शरीर का सही बैलेंस बनता है।

वजन घटाने में सहायक: यह आसन कैलोरी बर्न करने और वजन घटाने में मदद करता है। मोटे लोगों को सही ढंग से सीखकर इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।

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त्रिकोणासन करने की विधि

  • सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैरों को कूल्हों की चौड़ाई से अलग रखें।
  • अपने दाएं हाथ को ऊपर उठाएं और अपनी बाएं भुजा को सीधा रखते हुए उसे नीचे की ओर लाएं।
  • अपनी बाईं हथेली को अपने बाएं पैर के बाहर या टखने के पास जमीन पर रखें।
  • अपनी दाहिनी ओर देखें और अपनी रीढ़ को लंबा रखते हुए धीरे-धीरे दाईं ओर झुकें।
  • कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें, फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस सीधी स्थिति में आ जाएं।
  • दूसरी तरफ से भी इसी क्रिया को दोहराएं।

आसन करते वक्त ध्यान रखें ये बातें
यदि आपको कोई घुटने या पीठ की समस्या है, तो इस आसन को करते समय सावधानी बरतें। यदि आपको चक्कर आने लगे, तो तुरंत रुक जाएं और सांस लें। अपनी सीमाओं के अंदर रहें और धीरे-धीरे अपनी लचीलेपन को बढ़ाएं।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श से जरूर लें।)

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