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Summer Vacation Jungle Safari: गर्मी की छुट्टियों में अधिकतर लोग कहीं ना कहीं घूमने का प्लान बनाते ही हैं। अगर आप नेचर लवर हैं और एडवेंचरस ट्रैवलिंग का मजा लेना चाहते हैं तो इस बार जंगल सफारी के लिए जा सकते हैं। लेकिन इस दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान भी रखना होगा।

Summer Vacation Jungle Safari: भारत की अद्वितीय जैवविविधता की प्रसिद्धि हमारे देश में ही नहीं पूरी दुनिया में है। हर साल पूरी दुनिया से लाखों पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं। पूर्व हो या पश्चिम, उत्तर हो या दक्षिण, भारत के जंगलों में दुनिया के दुर्लभतम जानवर पाए जाते हैं। इन घने जंगलों, घास के मैदानों और दलदलों में स्थित भारत के जंगलों में देखने के लिए बहुत कुछ होता है। लोग यहां की सफारी करते हैं।

निर्देशों का पालन है जरूरी
अगर आप भी गर्मी की इन छुट्टियों में कहीं घूमने जाना चाहते हैं तो जंगल की सफारी का भी मजा ले सकते हैं। इसके लिए हालांकि पहले से बुकिंग करानी होती है और इसके कुछ नियम कायदे कानून होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है। हर जंगल सफारी में अनुभवी गार्ड और पार्क के अधिकारियों द्वारा जो सुरक्षा निर्देश जारी किए जाते हैं, उनके बारे में पर्यटकों को पहले से अवगत कराया जाता है। उनकी जरा सी भी अनदेखी पर्यटकों के लिए ही नहीं बल्कि वन्यजीव दोनो की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकती है।

व्यक्तिगत गाड़ी से जाना प्रातिबंधित 
जंगल सफारी के लिए सबसे पहला नियम तो यह है कि जंगल के भीतर कोई भी अपना पर्सनल वाहन नहीं ले जा सकते हैं। इसके लिए जंगल प्रशासन द्वारा ही गाड़ी मुहैय्या कराई जाती है। सफारी के दौरान रंग-बिरंगे ड्रेसेस पहनने की बजाय ब्राउन और ग्रीन कलर की ड्रेसेस, जो वहां के वातावरण से मेल खाते हैं, उन्हें ही पहनकर जाना चाहिए। सफारी के दौरान गाड़ी से बाहर नहीं निकलना चाहिए। जानवरों को नजदीक से देखने का मोह नहीं पालना चाहिए। सफारी की गाड़ी खुली होती है, जिसमें आप इत्मीनान से जंगली जानवर को देख सकते हैं।

जानवरों के नजदीक जानें से बचें
हालांकि यह जरूरी नहीं कि आपको जानवर पास से देखने को मिलें, क्योंकि सफारी द्वारा जंगल के भीतर जो रास्ता बनाया जाता है, उसी सड़क पर चलना होता है। इन रास्तों को पर्यटकों की सुरक्षा और वन्यजीवों के संरक्षण को मद्देनजर रखते हुए बनाया जाता है। गाड़ी से बाहर निकलकर जानवर को नजदीक से देखने के चक्कर में या उसको करीब से फोटो लेने से भी बचना चाहिए। जंगल की सफारी में फ्लैश फोटोग्राफी की अनुमति नहीं दी जाती, क्योंकि कैमरे की फ्लैश से जानवर परेशान हो सकते हैं और वो घबराकर आप पर हमला भी कर सकते हैं।

सफारी में किसी भी तरह का हथियार लेकर जाने की भी मनाही होती है। इससे वन्यजीवों की जान पर भी खतरा हो सकता है। सफारी का उद्देश्य वन्यजीवों को दूर से देखना होता है। उनको बहुत करीब से देखने के चक्कर में उनके पास नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इससे वे डर सकते हैं, तनाव में आ सकते हैं और आप पर हमला भी कर सकते हैं।

यदि आपके साथ गाइड है तो आप उसे ज्यादा करीब ले जाने के लिए दबाव न डालें। उसे देखने के लिए दूरबीन या लंबी दूरी के कैमरा लैंस रखने चाहिए। सफारी से उतरकर इधर-उधर पैदल ना घूमें। यदि गलती से आप रास्ता भटक गए हैं या खो जाते हैं तो हो सकता है खतरनाक जीवों से आपका सीधे सामना हो जाए और आपकी जान भी जा सकती है और इससे पर्यावरण का नाजुक संतुलन तो बिगड़ता ही है।

जानवरों को ना करें परेशान
जानवरों को देखकर उन्हें आवाजें लगाना, भयानक आवाजें निकालना, इससे उनका प्राकृतिक व्यवहार बिगड़ सकता है। उनके पास जाकर अनावश्यक शोर नहीं करना चाहिए, ना ही संगीत बजाना चाहिए। तेज आवाज वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की मनाही होती है। यदि आपको जानवर पास से दिखाई दे तो उन्हें खाने के लिए कुछ नहीं दें। इससे उनको स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं और उनके भोजन का चक्र बदल सकता है।

यहां बताए गए नियमों का ध्यान रखेंगे तो निश्चित ही आपकी जंगल सफारी शानदार और यादगार रहेगी।

राज्य के अनुसार प्रमुख जंगल सफारी

  • जवाई बांध तेंदुआ संरक्षण रिजर्व, राजस्थान
  • काबिनी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, कर्नाटक
  • जिम कार्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड 
  • रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान
  • काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, असम
  • कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश
  • सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान, पश्चिम बंगाल
  • पेरियार राष्ट्रीय उद्यान, केरल
  • बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश
  • बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, कर्नाटक
  • ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व, महाराष्ट्र
  • पेंच राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र
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