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एसएसपी ग्वालियर राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर हत्या में प्रयुक्त कार, रस्सी और आरोपियों के मोबाइल बरामद हुई है।

Gwalior News: ग्वालियर में तीन दिन पहले एक छात्र की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली गई है। हत्यारा छात्र का जीजा ही निकला। उसने अपने दो दोस्तों के साथ कार में साले को रस्सी से गला घोंटकर मार डाला। फिर शव के हाईवे किनारे मैदान में फेंक दियाा। हत्या को एक्सीडेंट का रूप देने के लिए शव को गाड़ी से कुचल दिया। मोबाइल लोकेशन को ट्रेस कर आरोपी जीजा और उसके दो साथी को पुलिस गिरफ्त किया है। 

ग्वालियर पुलिस ने रविवार को आरोपियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का पर्दाफाश किया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने साले के साथ मिलकर टेंट का व्यापार किया था। इसमें साले के डेढ़ लाख रुपए जीजा दे नहीं रहा था। पैसों को लेकर साले ने उसे कई बार रिश्तेदारों के सामने बेइज्जत किया था। बेइज्जती का बदला लेने के आरोपी ने साले की हत्या कर दी। 

तीन दिन पहले मैदान में मिला था छात्र का शव
बता दें, ग्वालियर में गुरुवार की रात भिंड के उपेंद्र यादव (23) की हत्या हुई थी। उसका शव शुक्रवार दोपहर 12 बजे महाराजपुरा के पास बेहटा चौकी के पीछे सुनसान इलाके में पड़ा मिला था। पुलिस का अनुसार, मृतक उपेंद्र स्टेनो व अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता था। वह थाटीपुर दुल्लपुर में किराए से मकान लेकर रहता था। यहां उसने एक लाइब्रेरी भी खोल रखी थी। पुलिस ने जब छात्र की हत्या की जांच शुरू की तो पता चला कि 2006 में उसके पिता की हत्या रेत खदान विवाद के चलते हुई थी। पुलिस पहले उसी ऐंगल पर जांच कर रही थी।

यहां से मिला पुलिस को क्लू
पुलिस जांच के दौरान ये पता चला कि मृतक ने एक साल पहले दतिया के बेरछा सेवड़ा में रहने वाले अपने बहनोई भूरे उर्फ संजय यादव के साथ टेंट का व्यवसाय शुरू किया था। उसके कुछ दिन बाद दोनों में विवाद हुआ तो उन्होंने काम बंद कर दिया। यहीं से पुलिस को पहला संदेही मिला। पुलिस ने जांच शुरू कर दी तो पता लगा की संजय का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से है।

मोबाइल लोकेशन ने यकीन में बदला शक
पुलिस ने पड़ताल की तो पता लगा कि बहनोई संजय यादव की लोकेशन गुरुवार की शाम से रात तक ग्वालियर में वहीं पर थी, जहां छात्र की थी। इसके बाद पुलिस ने भूरे उर्फ संजय यादव को पूछताछ के लिए थाने बुलाया। पहले वह आनाकानी कर रहा था। उसने बताया कि कई दिन से ग्वालियर ही नहीं आया। बाद में बयानों में विरोधाभास होने से पुलिस ने उसकी लोकेशन और कॉल डिटेल की एक-एक बात बताई तो आरोपी टूट गया। उसने अपने दो दोस्तों के साथ हत्या करने की बात कबूल की।

बेइज्जती का बदला लिया बदला, ऐसे की थी हत्या
आरोपी संजय के मुताबिक, मृतक उसका रिश्तेदार था। दोनों ने टेंट का व्यापार शुरू किया था। इस दौरान आपसी विवाद होने पर उपेंद्र मुझे गाली देता था। उसने मुझे कई बार बेइज्जत किया था। इसके बाद मैंने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर उपेंद्र को मारने का प्लान बनाया। मैंने साले को बड़ागांव के पास बुलाया। फिर अपनी कार में बैठाकर प्लॉट दिखाने के बहाने से बेहटा हाईवे लेकर गया। कार में मेरे दो दोस्त चालीराजा उर्फ मामा बुंदेला निवासी देवरदा बलदेवगढ़ टीकमगढ़ और उमर मोहम्मद निवासी ग्राम बरेछा सेवड़ा थे। हम तीनों ने मिलकर रस्सी से साले का गला घोंट कर हत्या कर दी। साला इकलौता था। उसकी हत्या के बाद उसकी प्रॉपर्टी में भी अच्छा हिस्सा मिलने की उम्मीद थी।

हत्या के आरोपियों पर हैं कई आपराधिक मामले दर्ज
एसएसपी ग्वालियर राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर हत्या में प्रयुक्त कार, रस्सी और आरोपियों के मोबाइल बरामद हुई है। पकड़े गए आरोपियों में भूरे उर्फ संजय यादव के खिलाफ मारपीट के केस, चालीराजा उर्फ मामा के खिलाफ छेड़छाड़, आर्म्स एक्ट के मामले पहले से दर्ज हैं। वह भिंड में गोली चलाने की वारदात करना भी बता रहा है। तीसरा आरोपी उमर मोहम्मद पूर्व में हत्या के अपराध में आरोपी रहा है। आरोपियों के अन्य आपराधिक रिकॉर्ड के संबंध में जानकारी ली जा रही है।

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