Bhopal News : स्कूली बच्चों के लिए एक ही दुकान से करनी पड़ रही खरीदारी, निजी स्कूल संचालकों की मनमानी

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प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी
राजधानी भोपाल में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी जारी है। 18 जून से स्कूल खुलने के बाद अधिकतर पालकों ने बच्चों के कोर्स भी खरीद लिए हैं। जिन्हें एक जगह से खरीदारी करनी पडी।

Bhopal News : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी जारी है। 18 जून से स्कूल खुलने के बाद अधिकतर पालकों ने बच्चों के कोर्स भी खरीद लिए हैं। ऐसे में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने धारा-144 के तहत स्कूल संचालकों को 4 से 6 दुकानों से कोर्स लेने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन स्कूल संचालकों ने इस आदेश पर अमल नहीं किया।

पालकों की मजबूरी बनी हुई है
स्कूल संचालकों का तर्क है कि अब तो अधिकतर छात्रों ने कोर्स ले लिया है। कोई अन्य दुकानदार सिलेबस नहीं रख पाएगा। जून माह में कलेक्टर की सख्ती के बाद गोविंदपुरा एसडीएम ने दो स्कूल संचालकों पर कार्रवाई की थी। यह स्कूल संचालक तय दुकान से कोर्स लेने को मजबूर कर रहे थे। अब भी सिर्फ एक दुकान से ही कोर्स लेना पालकों की मजबूरी बनी हुई है।

गुडलक स्टेशनरी पर 15 से अधिक स्कूलों के कोर्स
नए आदेश में एसडीएम को अपने क्षेत्र के स्कूलों की निगरानी करने की हिदायत दी गई है, लेकिन एसडीएम जांच करने नहीं पहुंचे। हालात यह है कि मंडी चौराहा अशोका गार्डन स्थित गुडलक स्टेशनरी पर पंद्रह से अधिक स्कूलों के कोर्स और अन्य सामग्रियां बेचे जा रहे हैं। संचालक मनमाने रेट में कोर्स दे रहा है। पालकों की भी मजबूरी है, उन्हें कोर्स तो लेना ही है। जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार का कहना है कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए पालक लिखित या फोन पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

यहां कर सकते हैं शिकायत
अगर कोई स्कूल संचालक या दुकानदार आप पर स्कूल ड्रेस या किताबों को लेकर दबाव या कोई और समस्या हो तो आप 0755- 2992405 पर शिकायत कर सकते हैं। ये डीईओ कार्यालय का नंबर है।

गड़बड़ी मिली तो धारा-144 में कार्रवाई करेंगे
इन घटनाओं को लेकर कलेक्टर, भोपाल कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि निजी स्कूल संचालकों से साफ कहा गया है कि एक दुकान की मोनोपॉली नहीं रहनी चाहिए। दो से अधिक दुकानों पर किताबें और ड्रेस की व्यवस्था हो। कोई स्कूल प्रबंधन दबाव बनाता है तो उस पर धारा- 144 में कार्रवाई की जाएगी।

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