Haryana Government: हरियाणा में जमीन बंटवारे के विवादों को होगा निपटारा, नायब सरकार ने लागू किया नया कानून, जानिए नियम

Haryana Land Revenue (Amendment) Bill passed
X
हरियाणा भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक पारित।
Haryana News: हरियाणा के बजट सत्र में हरियाणा भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक 2025 को पास किया गया। इस कानून से प्रदेश के लाखों लोगों को राहत मिलेगी। जानिए क्या है नियम...

Haryana Land Revenue Law: विधानसभा बजट सत्र के दौरान गुरुवार को सदन में हरियाणा भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक 2025 को पारित कर दिया गया। इस कानून से प्रदेश के गांवों में जमीन के झगड़े में काफी कमी आएगी। इसके तहत पति-पत्नी को छोड़कर खून के रिश्ते में साझी जमीन का बंटवारा होगा।

जानकारी के मुताबिक, अगर संयुक्त भू-मालिकों के बीच संपत्ति का बंटवारा नहीं हो पाता है, तो सहायक कलेक्टर और तहसीलदार को कोर्ट 6 महीने के अंदर ऐसी जमीनों का बंटवारा सुनिश्चित करेंगे।

लाखों किसानों को मिलेगी राहत

बजट सत्र के दौरान प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने इस विधेयक को पेश किया। उन्होंने कहा कि इस कानून से हरियाणा में करीब 1 लाख केस खत्म होंगे, जो कि सहायक कलेक्टर और तहसीलदार के कोर्ट में चल रहे हैं। मंत्री ने कहा कि साधा जमीनों के विवादों के निपटारे से प्रदेश के करीब 14 से 15 लाख किसानों को राहत मिलेगी। सीएम नायब सैनी ने भी शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी।

बता दें कि इससे पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में संयुक्त भू मालिकों में साझी जमीन का बंटवारा करने के लिए कानून में धारा-111क जोड़ी गई थी। हालांकि इसमें खून के रिश्ते और पति-पत्नी के विवादों को इससे अलग रखा गया था। इसके बाद खून के रिश्ते वाले सदस्यों के बीच जमीन मामले के विवाद सामने आने लगे।

विवादित जमीनों का इस तरह होगा बंटवारा

यदि कोई सह-स्वामी अपनी हिस्सदारी वाली जमीन का बंटवारा कराना चाहता है, तो उसे राजस्व अधिकारी की ओर से आवेदनकर्ता के रूप में जोड़ा जाएगा। ऐसे में हरियाणा भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक 2025 के अनुसार, पति-पत्नी के अलावा सभी खून के रिश्ते वाले सदस्यों समेत सभी संयुक्त भू-मालिकों को संबंधित सहायक कलेक्टर और तहसीलदार की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा, जिसके 6 महीने के अंदर बंटवारे का राजीनामा पेश करना होगा।

ऐसे में अगर सभी भू-मालिक आपसी सहमति से जमीन का बंटवारा करके भूमि विभाजन का करार पेश कर देते हैं, तो संशोधित अधिनियम की धारा 111-क (3) के तहत भूमि के विभाजन का इंतकाल धारा-123 के प्रावधान के अंतर्गत कर दिया जाएगा। लेकिन अगर सभी संयुक्त भू-मालिकों द्वारा आपसी सहमति से बंटवारा नहीं हो पाता है, तो फिर अगले 6 महीने के अंदर सहायक कलेक्टर एवं तहसीलदार को कोर्ट में जमीन का बंटवारा सुनिश्चित किया जाएगा।

ये भी पढ़ें: Haryana Budget Session: अनिल विज और भूपेंद्र हुड्डा हुए आमने-सामने, अर्जुन चौटाला का कांग्रेस पर तंज, बोले- हम विपक्ष की भूमिका निभा रहे

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story