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Private Schools in Haryana: हरियाणा के कई निजी विद्यालयों ने बच्चों की सुरक्षा के लिए फायर एनओसी नहीं ली है। जिसके लिए राज्य के स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने इस लापरवाही की शिकायत की है।  

Private Schools in Haryana: हरियाणा के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर न तो सरकार गंभीर है और न ही स्कूल प्रशासन। सूचना का अधिकार (RTI) द्वारा ये खुलासा हुआ है कि हरियाणा के लगभग 75 प्रतिशत प्राइवेट स्कूलों में आग से बचने के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है। कहा जा की 7 साल पहले शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों की सुरक्षा के लिए नीति बनाई गई थी। लेकिन आज तक इसे लागू नहीं किया गया। जानकारी के आधार पर राज्य के स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने इस लापरवाही की शिकायत  शिक्षा विभाग, मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों को दी है।

स्कूलों ने नहीं ली फायर एनओसी

संगठन के संस्थापक सदस्य बृजपाल सिंह परमार का कहना है कि उन्होंने 2020 से लेकर 2023 तक राज्य के दमकल एवं आपातकालीन सेवाएं विभाग से निजी स्कूलों को आग से संबंधी एनओसी लिए जाने की जानकारी मांगी थी। इस जानकारी के अनुसार हिसार में 109 स्कूलों से जानकारी मांगी गई थी। जिसमें इस अवधि के दौरान एक भी स्कूल ने फायर एनओसी नहीं ली है।

वहीं, जींद के 55 स्कूलों में सिर्फ 10 ने फायर एनओसी ली है और भिवानी में 103 स्कूलों में से सिर्फ 7 ने ही फायर एनओसी ली है।  ऐसे ही भिवानी के 103  प्राइवेट स्कूलों के संबंध में जानकारी मांगने पर उनसे मिले जवाब के अनुसार 2020 में किसी स्कूल ने एनओसी नहीं ली। 2021 और 2022 में 8 प्राइवेट स्कूलों ने एनओसी ली है। 2023 में भिवानी के सिर्फ दो स्कूलों को दमकल विभाग ने एनओसी जारी की थी।

स्कूल पर हुआ केस दर्ज

परमार ने आगे बताते हुए कहा कि 2020 में छात्रों की सुरक्षा से जुड़े मामलों को लेकर सीएम विंडो में शिकायत की  गई थी। लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। राज्य के 75 प्रतिशत प्रइवेट स्कूलों ने फायर एनओसी नहीं ली है। वहीं कुछ प्रइवेट स्कूलों ने अधिकारियों से मिलीभगत कर फेक एनओसी लगाकर मान्यता प्रप्त कर ली है। भिवानी जिले में इस तरह का एक मामला सामने आने पर एक प्रइवेट स्कूल के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।

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कई कोचिंग सेंटरों ने भी बरती लापरवाही

कोचिंग सेंटरों में भी कोई इंतजाम नहीं संगठन का आरोप है कि कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरियों में भी बच्चों की सुरक्षा के लिए नियम लागू नहीं किए जा रहें हैं। यह सभी बहुमंजिला इलाकों और तंग गलियों में स्थित हैं। यहां न तो आपातकाल में के समय बाहर निकलने का कोई रास्ता है और न आग से बचाव के कोई इंतजाम।आरोप लगाया गया है कि आरटीआई में यह जानकारी भी मांगी थी कि एनओसी नहीं लेने पर क्या कार्रवाई की गई  है, तो दमकल विभाग का जवाब था कि इसके लिए संस्थान खुद जिम्मेदार होंगे।

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