Swati Maliwal Assault Case: स्वाति मालीवाल बदसलूकी मामले में बिभव कुमार को नहीं मिलेगी राहत, 16 जुलाई तक बढ़ी हिरासत

Swati Maliwal and Bibhav Kumar
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स्वाति मालीवाल और विभव कुमार
स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले में बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही है। बिभव को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया। जहां बिभव की हिरासत 16 जुलाई तक बढ़ा दी गई।

Swati Maliwal Assault Case: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार की आज शनिवार को न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी। बिभव कुमार को आज तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया। जहां बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत 16 जुलाई तक बढ़ा दी गई। बिभव कुमार ने इस मामले में जमानत के लिए तीस हजारी को कोर्ट में याचिका भी दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने जमानत देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी थी।

तीस हजारी कोर्ट में हुई पेशी

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में बिभव कुमार की आज सुनवाई हुई। इस दौरान बिभव कुमार को सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने बिभव को राहत देने से इनकार करते हुए न्यायिक हिरासत 16 जुलाई तक बढ़ा दी।

कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

बिभव कुमार ने इस मामले में तीस हजारी कोर्ट में नियमित जमानत याचिका 7 जून को दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। नियमित जमानत पाने के लिए बिभव कुमार द्वारा दायर की गई यह दूसरी याचिका थी। इससे पहले 27 मई को विभव कुमार ने पहली याचिका दायर की थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने बिभव कुमार को राहत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद जमानत के लिए बिभव कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर अभी फैसला नहीं आया।

18 मई को बिभव कुमार की हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया है कि बिभव कुमार ने 13 मई को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर उन पर हमला किया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने बिभव पर एफआईआर दर्ज की और 18 मई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

तीस हजारी कोर्ट से खारिज हो चुकी है बिभव कुमार को जमानत याचिका

इससे पहले 7 जून को तीस हजारी कोर्ट ने बिभव कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसमें कहा गया कि वह "गंभीर और गंभीर" आरोपों का सामना कर रहे हैं और ऐसी आशंका है कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

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