Swati Maliwal Case: स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में जांच तेज, दिल्ली पुलिस ने सीएम आवास से DVR जब्त किया

Swati Maliwal Assault Case
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दिल्ली पुलिस ने सीएम आवास से DVR जब्त किया।
स्वाति मालीवाल की पिटाई के केस में दिल्ली पुलिस अरविंद केजरीवाल के घर पर जांच शुरू की। पुलिस की टीम रविवार को मुख्यमंत्री आवास के अंदर प्रिंटर, लैपटॉप लेकर पहुंची।

Swati Maliwal Assault Case: स्वाति मालीवाल केस में दिल्ली पुलिस आज रविवार को सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पहुंची और आवास में मौजूद सीसीटीवी डीवीआर जब्त कर लिया। बता दें कि दिल्ली पुलिस के अधिकारी ऐसे वक्त पर सीएम आवास पहुंचे थे, जब अरविंद केजरीवाल पार्टी के विधायकों और सांसदों के साथ बिभव की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि, सीएम केजरीवाल को प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली थी। इसके बाद भी सीएम ने पैदल मार्च निकाला। खास बात है कि सीएम केजरीवाल थोड़ी ही देर में मार्च कर वापस अपने आवास पर लौट आए।

जांच में सहयोग नहीं कर रहा बिभव

बिभव कुमार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजने वाले मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल से जांच एजेंसी ने कहा कि वे पुलिस के साथ सहयोग नहीं कर रहे और जवाब देने से बच रहे हैं। रिमांड अर्जी में कहा गया है यह एक बहुत ही गंभीर मामला है जिसमें एक सांसद पर बेरहमी से हमला किया गया जो घातक हो सकता था। विशिष्ट सवाल किए जाने के बावजूद आरोपी ने जांच में सहयोग नहीं किया है और वह जवाब देने से बच रहा है।

पेन ड्राइव में नहीं मिली फाइल

बता दें कि बीते दिन शनिवार को जब बिभव की पुलिस कस्टडी की मांग को लेकर तीस हजारी कोर्ट में बहस हुई तो एक के बाद एक कई खुलासा हुआ। पुलिस द्वारा ज़ब्त सीसीटीवी में घटना के दौरान का सीसीटीवी ब्लैंक शो हो रहा है और घटना के समय का सीसीटीवी नहीं मिला। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने विभव कुमार की हिरासत पर बहस करते हुए कोर्ट को बताया, 'हमने डीवीआर मांगा, वह पेन ड्राइव में दिया गया। फुटेज खाली पाई गई। इसके अलावा पुलिस को आईफोन दे दिया गया है, लेकिन अब आरोपी पासवर्ड नहीं बता रहा है। फोन को फार्मेट कर दिया गया है।

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इसमें कहा गया है कि मामले में सबसे अहम सबूत घटनास्थल का डीवीआर है जिसे अभी तक पुलिस को मुहैया नहीं कराया गया है। पुलिस हिरासत का अनुरोध करने वाली अर्जी में कहा गया है कि सीएम के आवास के एक जूनियर इंजीनियर ने स्वीकार किया था कि उसकी उस स्थान तक पहुंच नहीं है जहां डीवीआर और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं लेकिन बाद में उसने डाइनिंग रूम का वीडियो उपलब्ध कराया लेकिन कथित घटना के समय के इसमें कोई फुटेज नहीं हैं।

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