43 साल बाद विश्व कप में पदक जीतने के इरादे से उतरेगी भारतीय हॉकी टीम
आत्मविश्वास से ओतप्रोत भारतीय हॉकी टीम खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम पर दर्शकों की जबरदस्त हौसलाअफजाई के बीच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार को उतरेगी तो उसका इरादा विश्व कप में 43 साल से पदक नहीं जीत पाने का मलाल मिटाने का होगा।

भुवनेश्वर। आत्मविश्वास से ओतप्रोत भारतीय हॉकी टीम खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम पर दर्शकों की जबरदस्त हौसलाअफजाई के बीच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार को उतरेगी तो उसका इरादा विश्व कप में 43 साल से पदक नहीं जीत पाने का मलाल मिटाने का होगा।
आठ बार की ओलंपिक चैंपियन भारतीय टीम 1975 में एकमात्र विश्व कप जीती थी जब अजित पाल सिंह और उनकी टीम ने इतिहास रच डाला था। पूल C के मुकाबले में मेजबान भारत आज अपने अभियान का आगाज करेगा।
उसके बाद से एशियाई धुरंधर भारतीय टीम नीदरलैंड, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के स्तर तक पहुंचने में नाकाम रही। पिछले चार दशक से यूरोपीय टीमों ने विश्व हॉकी पर दबदबा बनाए रखा है।
इसे भी पढ़ें: अभ्यास मैच के जरिए टेस्ट सीरीज की तैयारियां परखेगा भारत, अबतक नहीं हुआ टॉस
भारत ने 1975 के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मुंबई में 1992 में हुए विश्व कप में किया जब वह पांचवें स्थान पर रहा था। पिछले 43 साल में विश्व कप का कोई पदक भारत की झोली में नहीं गिरा है।
विश्व रैंकिंग में पांचवें स्थान पर काबिज भारत इस बार पदक जीतकर उस कसक को दूर करना चाहेगा। वैसे यह उतना आसान भी नहीं होगा क्योंकि उसे दो बार की गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, जर्मनी और ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना जैसी टीमों से पार पाना होगा।
भारत पर अच्छे प्रदर्शन का दबाव
अच्छे प्रदर्शन की अपेक्षाओं का भी भारी दबाव हरेंद्र सिंह की टीम पर होगा। पिछली बार 2010 में दिल्ली में हुए विश्व कप में भारत आठवें स्थान पर रहा है। अभी तक नौ देशों ने विश्व कप की मेजबानी की है जिनका प्रदर्शन अपनी मेजबानी में अच्छा नहीं रहा है।
दो साल पहले लखनऊ में जूनियर टीम को विश्व कप दिलाने वाले कोच हरेंद्र एशियाई खेलों में स्वर्ण बरकरार नहीं रख पाने के कारण दबाव में हैं। उनके लिए यह करो या मरो का टूर्नामेंट है और अच्छा प्रदर्शन नहीं करने पर उनकी नौकरी जा सकती है।
हार से उबर चुके, हम पर दबाव नहीं : हरेंद्र
हरेंद्र ने कहा- एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में मलेशिया से मिली हार से हम उबर चुके हैं। खिलाड़ी आक्रामक हाकी खेल रहे हैं और अच्छे नतीजे दे सकते हैं। इसके लिए हमें मैच दर मैच रणनीति बनानी होगी। अपने देश में खेलने को हम दबाव नहीं बल्कि प्रेरणा के रूप में लेंगे।
हरेंद्र ने विश्व कप विजेता जूनियर टीम के सात खिलाड़ियों को मौजूदा टीम में रखा है जबकि कप्तान मनप्रीत सिंह, पी आर श्रीजेश, आकाशदीप सिंह और बीरेंद्र लाकड़ा भी टीम में हैं। ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह को टीम से बाहर किया गया जबकि स्ट्राइकर एस वी सुनील फिटनेस कारणों से बाहर हैं।
बेल्जियम पूल C में असल चुनौती
सोलह देशों के टूर्नामेंट में भारत, दक्षिण अफ्रीका, बेल्जियम और कनाडा पूल सी में हैं। दुनिया की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम से भारत को सतर्क रहने की जरूरत है जबकि दक्षिण अफ्रीका की रैंकिंग 15 और कनाडा की 11 है।
बेल्जियम के खिलाफ मैच पूल चरण में असल चुनौती होगा जिसमें जीतकर भारत सीधे क्वार्टर फाइनल में जगह बनाना चाहेगा ताकि क्रासओवर नहीं खेलना पड़े। बेल्जियम से सामना दो दिसंबर को और कनाडा से आठ दिसंबर को होगा।
सोलह साल बाद विश्व कप में सोलह टीमें
सोलह साल बाद विश्व कप में सोलह टीमें हैं जिन्हें चार चार के पूल में बांटा गया है। हर पूल से शीर्ष टीम क्वार्टर फाइनल में खेलेगी जबकि दूसरे और तीसरे स्थान की टीमें क्रासओवर खेलकर अंतिम आठ में जगह बनाएंगी। पहले दिन दूसरे मैच में बेल्जियम का सामना कनाडा से होगा।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
- हॉकी विश्व कप 2018 भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका भुवनेश्वर हॉकी विश्व कप भारत हॉकी वर्ल्ड कप शेड्यूल 2018 hockey world cup 2018 India vs South Africa IND vs SA hockey India vs South Africa hockey match opening ceremony hockey world cup 2018 schedule hockey world cup 2018 hockey world cup opening ceremony world cup hockey 2018 schedule kalinga stadium