Anaya Bangar: 'वो मुझे न्यूड तस्वीरें भेजते थे, कार में...' लड़का से लड़की बनी संजय बांगर की बेटी का हिला देने वाला खुलासा

Anaya Bangar: हम अक्सर कहते हैं कि स्पोर्ट्स सबसे बड़ा 'लेवलर' है- एक ऐसा मैदान, जहां हर किसी को बराबरी की नजर से देखा जाता है। लेकिन हकीकत इससे उलट है। खासकर तब, जब बात ट्रांसजेंडर एथलीट की हो।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर की बेटी अनाया बांगर (पूर्व में आर्यन) ने कुछ महीने पहले अपनी ट्रांजिशन जर्नी और क्रिकेट करियर के अंत की कहानी शेयर की थी। लेकिन अब अनाया ने एक इंटरव्यू में हिला देने वाली बातों का खुलासा किया है- ट्रांस महिलाओं के साथ समाज, और खासकर क्रिकेट की दुनिया, कैसे बर्ताव करती है।
अनाया ने बताया कि कुछ क्रिकेटरों ने उन्हें न्यूड फोटोज भेजे, और सेक्स के प्रस्ताव दिए। उन्होंने बताया, कुछ क्रिकेटरों ने मुझे अचानक न्यूड फोटोज भेजे। उन्होंने एक सीनियर क्रिकेटर का जिक्र किया जो सामने गालियां देता था, और फिर अकेले में बैठकर फोटो मांगता था। एक और घटना का जिक्र करते हुए अनाया ने बताया कि जब उन्होंने एक पुराने क्रिकेटर को अपनी पहचान के बारे में बताया, तो उसने कहा, 'चलो गाड़ी में चलते हैं, मुझे तुम्हारे साथ सोना है।'
ये घटनाएं दिखाती हैं कि खेल का मैदान भले बराबरी की बात करता हो, लेकिन उसके पीछे की दुनिया अब भी भेदभाव और बुरे बर्ताव से भरी है।
अनाया ने क्लब क्रिकेट में बनाई थी पहचान
अनाया ने इस्लाम जिमखाना और हिंकले क्रिकेट क्लब (Leicestershire) के लिए खेला है। बाएं हाथ के बैटर के तौर पर उनका क्लब स्तर पर अच्छा प्रदर्शन रहा। लेकिन उनके लिए प्रोफेशनल क्रिकेट का सपना पूरा होना अब लगभग नामुमकिन है।
ICC और ECB के सख्त नियम
2023 में ICC ने साफ किया कि जो खिलाड़ी मेल प्यूबर्टी से गुजर चुके हैं (puberty) से गुजर चुके हैं, उन्हें महिलाओं के इंटरनेशनल क्रिकेट में हिस्सा लेने की मंजूरी नहीं होगी- चाहें उन्होंने जेंडर ट्रांजिशन किया हो या सर्जरी करवाई हो। ECB ने भी 2025 से ट्रांसजेंडर महिलाओं को एलीट डोमेस्टिक क्रिकेट से बाहर करने का फैसला लिया है।
अनाया ने इस पर इंस्टाग्राम पर अपना विरोध जताते हुए लिखा था कि ये नीतियां सिर्फ ट्रांसजेंडर लोगों को हाशिए पर ले जाने के लिए बनाई गई हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा था, जब एक खिलाड़ी खेल में बराबरी की उम्मीद लेकर आता है, और सिस्टम ही उसे बाहर कर दे, तो सवाल उठता है: क्या खेल सबका है, या सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों का?
अनाया की कहानी सिर्फ एक ट्रांसजेंडर क्रिकेटर की नहीं, बल्कि उस पूरे सिस्टम की कच्चा चिठ्ठा खोलती है, जो खुले तौर पर कहता तो है कि 'खेल सबका है', लेकिन जब हकीकत सामने आती है, तो दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।