no ball rule: मिचेल स्टार्क के सुपर ओवर की बैकफुट नो-बॉल पर क्यों मच रहा बवाल? क्या कहता है नियम?

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मिचेल स्टार्क की बैकफुट नो-बॉल पर बवाल मचा रहा है। क्या है इसे लेकर नियम।
Back-foot no-ball rule explainer: दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मुकाबले का नतीजा सुपर ओवर में निकला। मिचेल स्टार्क की एक गेंद को सुपर ओवर में नो-बॉल करार दिया गया। इस पर विवाद हो रहा है। आइए जानते हैं कि बैक फुट नो-बॉल को लेकर नियम क्या कहता है।

Back-foot no-ball rule: आईपीएल 2025 का पहला सुपर ओवर राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच मुकाबले में हुआ। इसमें दिल्ली ने बाजी मारी। दिल्ली की तरफ से तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने सुपर ओवर फेंका और उन्होंने सिर्फ 11 रन ही दिए। सुपर ओवर के दौरान मिचेल स्टार्क उस वक्त हैरान रह गए, जब उनकी गेंद बैकफुट नो-बॉल करार दी गई। आमतौर पर नो-बॉल फ्रंट फुट यानी गेंदबाज के आगे वाले पैर के हिसाब से देखी जाती। लेकिन इस बार थर्ड अंपायर ने रियर क्रीज यानी रिटर्न क्रीज पर स्टार्क की गलती पकड़ी और लाइन पर पैर होने की वजह से नो-बॉल करार दी।

स्टार्क की इस नो-बॉल को लेकर बवाल हो रहा है। बैकफुट की नो-बॉल बहुत कम देखी जाती है लेकिन आईपीएल 2025 में स्टार्क की वजह से इस पर फिर चर्चा हो रही। आइए जानते हैं कि आखिर बैकफुट नो-बॉल क्या होती है और इससे जुड़े नियम क्या हैं।

क्या होता है बैकफुट नो-बॉल? (what is back-foot no-ball)
जब गेंदबाज की पिछला (बैक) पैर गेंद फेंकते वक्त रिटर्न क्रीज़ पर या उसके बाहर पड़ता है, तब यह बैकफुट नो-बॉल कहलाती है। लीगल डिलीवरी के लिए गेंदबाज का पिछला पैर पूरी तरह रिटर्न क्रीज़ के अंदर रहना चाहिए। अगर पैर लाइन को छूता है या बाहर जाता है, तो ये नो-बॉल मानी जाती है।

फ्रंटफुट और बैकफुट नो-बॉल में फर्क (How is it different from a front-foot no-ball)
फ्रंटफुट नो-बॉल: सामने वाला पैर पॉपिंग क्रीज़ के पीछे होना चाहिए।
बैकफुट नो-बॉल: पीछे वाला पैर रिटर्न क्रीज़ के अंदर होना चाहिए। अगर लाइन पर भी होगा, तो अंपायर नो-बॉल देता है, जैसा कि स्टार्क के मामले में हुआ। दोनों का उल्लंघन करने पर नो-बॉल दे दी जाती है।

यह नियम क्यों है ज़रूरी?
इस नियम का मकसद यह है कि गेंदबाज बहुत तीखे एंगल से गेंदबाज़ी न कर सके, जिससे बल्लेबाज़ के लिए खेलना मुश्किल हो जाता है और अंपायर के लिए नो-बॉल जांचने के लिए लाइन देखना चुनौती बन जाता है।

नो-बॉल होने पर क्या होता है? (What happens if a back-foot no-ball is called?)
बल्लेबाज़ी टीम को 1 रन फ्री मिलता है। अगली गेंद फ्री हिट होती है। इस गेंद पर बल्लेबाज़ रन आउट, ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड या हैंडलिंग द बॉल के सिवाय किसी और तरीके से आउट नहीं हो सकता है।

कौन देता है बैकफुट नो-बॉल?
अधिकतर मामलों में ऑन-फील्ड अंपायर इसका ध्यान रखते हैं लेकिन IPL जैसे टूर्नामेंट में तीसरे अंपायर की मदद से रिप्ले में देखा जाता है। यह फ्रंटफुट नो-बॉल से कहीं ज़्यादा मुश्किल होता है पकड़ना।

क्या हवा में पैर बाहर जा सकता है?
हां, अगर पैर हवा में लाइन से बाहर है तो कोई दिक्कत नहीं। बस जहां पैर ज़मीन को छूता है, वहीं से तय होता है कि गेंद लीगल है या नहीं।

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