ipl 2025: क्यों इस बार आईपीएल में अंपायर बार-बार बल्ला कर रहे चेक? जांच में फेल होने पर क्या होता है

IPL 2025 BAT CHECK, ipl bat check
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IPL 2025 में अंपायर बार-बार क्यों बैट चेक कर रहे।
ipl 2025 bat check: आईपीएल के इस सीजन में ये देखने को बार-बार मिल रहा कि अंपायर एक ही मैच में कई दफा बल्लेबाजों के बैट को जांच रहे। आखिर ऐसा क्यों हो रहा और अगर जांच में बल्ले में खामी पाई जाती तो फिर बैटर के साथ क्या होता है।

ipl 2025 bat check: आईपीएल 2025 में एक बात जो बहुत आम सी नजर आ रही है, वो ये कि हर मुकाबले में ऑन फील्ड के साथ ही फोर्थ अंपायर बल्ले को जांच रहे हैं। बल्लेबाज़ को पहली गेंद खेलने से पहले अपने बल्ले का 'गेज़ टेस्ट' कराना पड़ रहा। जो चीज़ पहले ड्रेसिंग रूम में चुपचाप होती थी, अब वह डगआउट के साथ-साथ मैदान में दर्शकों के सामने हो रही।

बीते 13 अप्रैल को राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु के मैच में पहली बार अंपायर की बल्ले को गेज से गुजारने की तस्वीर सामने आई थी। अब ये IPL का नया नॉर्मल बन चुका है–हर बल्लेबाज़ को गेज़ से बल्ले की जांच करानी पड़ रही।

पहले ऐसा होता था कि अंपायर ड्रेसिंग रूम में ही अंपायर बल्ले की मोटाई, चौड़ाई को जांच लेते थे। पूर्व क्रिकेटर संजय बांगर ने भी कमेंट्री के दौरान इस बात को कहा था। लेकिन अब IPL के दौरान अंपायरों की मीटिंग के बाद ये निर्णय लिया गया कि अब मैदान पर ही बैट को जांचा और परखा जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये फैसला तब लिया गया जब कुछ टीमों ने शिकायत की कि कई खिलाड़ी तय साइज से बड़े बैट का इस्तेमाल कर रहे। खासकर बल्ले के बीच वाले हिस्से (meat area) में। अब ओपनिंग करने वाले बल्लेबाज़ों के बल्ले की जांच मैदान में उतरने से पहले चौथे अंपायर करेंगे जबकि बाकी बल्लेबाज़ों के बल्ले ऑन-फील्ड अंपायर देखेंगे।

IPL 2025 में जब से ये नियम ऑन-फील्ड लागू हुआ है, तब से कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। सबसे चौंकाने वाला मामला आया 15 अप्रैल को जब कोलकाता नाइट राइडर्स के सुनील नारायण और एनरिक नोर्खिया के बल्ले पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच में गेज टेस्ट में फेल हो गए।

बल्ले की साइज को लेकर नियम क्या कहते हैं?
क्रिकेट के लिए नियम बनाने वाली संस्था MCC के मुताबिक, बैट की चौड़ाई 4.25 इंच, गहराई 2.64 इंच और किनारे 1.56 इंच से ज्यादा नहीं हो सकते। इसके अलावा, साइज 6 या उससे कम आकार के बैट के हैंडल की लंबाई बल्ले की कुल लंबाई के 52 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती है। ब्लेड को ढकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामान की मोटाई 0.1 सेमी से अधिक नहीं होनी चाहिए और ब्लेड के पंजे पर रखी जाने वाले प्रोटेक्टिव गियर की अधिकतम अनुमत मोटाई 0.3 सेमी है।

गेज टेस्ट में बैटर फेल हुआ तो क्या होता?
अगर कोई बल्लेबाज़ इस टेस्ट में फेल हो गया तो? परेशानी वाली कोई बात नहीं होती है। उसपर न तो जुर्माना लगेगा, न ही मैच से बाहर किया जाएगा। बस उसे अपना बल्ला तुरंत बदलकर नया बैट लाना होगा जो गेज टेस्ट पास कर सके

(प्रस्तुति: प्रियंका)

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