सैटेलाइट कम्युनिकेशन vs टेलीकॉम स्पेक्ट्रम: Elon Musk की Starlink का जियो, एयरटेल, VI से मेगा वॉर! इंटरनेट सर्विस में आएगी क्रांति

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एलन मस्क की Starlink का जियो, एयरटेल, वीआई से मेगा वॉर! इंटरनेट सर्विस में आ सकती है क्रांति।
भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में एनल मस्क की कंपनी स्टारलिंक और भारतीय सैटेलाइट कम्युनिकेशनऔर टेलीकॉम स्पेक्ट्रम कंपनियों जियो, एयरटेल, वीआई के बीच मेगा जंग देखने के लिए मिल रही है।

Elon Musk: दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क अब भारतीय अरबपतियों से सीधी जंग में उतर आए हैं। ये जंग सैटेलाइट कम्युनिकेशन और टेलीकॉम सेक्टर में होती हुई दिख रही है। भारत के टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया और एलन मस्क की कंपनी Starlink के बीच कड़ा मुकाबला होता दिख रहा है।

मस्की की कंपनी से भारतीय कंपनियों की जंग स्पेक्ट्रम एलॉकेशन को लेकर है। जियो और एयरटेल सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी चाहते हैं, जबकि मस्क अपनी कंपनी को यहां फिट करना चाहते हैं।

TRAI को जियो ने लिखी थी चिट्ठी
जियो ने इस मामले को लेकर हाल ही में TRAI को एक पत्र लिखा था। जियो का कहना है कि इस तरह के स्पेक्ट्रम को नीलामी के जरिए दिया जाना चाहिए, जिससे लेगेसी ऑपरेटर्स को बराबर का मौका मिल सके। यहां लेगेसी ऑपरेटर्स से मतलब जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया से है, जिन्होंने टेलीकॉम स्पेक्ट्रम खरीदे हैं और उसके लिए टेलीकॉम टावर का इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया है।

दूसरी ओर मस्क की कंपनी Starlink की मांग एडमिनिस्ट्रेटिव एलॉटमेंट की है। स्टारलिंक का कहना है कि इसमें ग्लोबल ट्रेंड को फॉलो किया जाना चाहिए। ऐसा लग रहा है कि इस पूरे मामले में टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया का झुकाव भी ग्लोबल ट्रेंड की ओर ही है।

टेलीकॉम मंत्री ने क्या कहा?
टेलीकॉम मंत्री ने इस मामले को लेकर कहा कि इस तरह की एयरवेव्स को एडमिनिस्ट्रेटिव एलॉकेशन के जरिए दिया जाना चाहिए ना कि नीलामी के जारिए। सिंधिया ने कहा था कि Telecom Act 2023 जो दिसंबर में पास हो चुका है, उसके शेड्यूल 1 में इस मामले को रखा गया है। इसका मतलब है कि सैटकॉम स्पेक्ट्रम को एडमिनिस्ट्रेटिव तरीके से जारी किया जाना चाहिए।

क्या है असली मामला?
भारत में टेलिकाम कंपनियों ने जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने टेलीकॉम स्पेक्ट्रम और इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत पैसा खर्च किया है। अगर Starlink जैसी कंपनियां भारत में आती हैं और स्पेक्ट्रम के लिए पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे, ऐसे में उन्हें इन परंपरागत कंपनियों को एक लीड मिल सकती है।

इस मामले पर एयरटेल के प्रमुख सुनील भारती मित्तल ने कहा, 'जो सैटेलाइट कंपनियां, भारत के अर्बन एरिया में काम करना चाहती हैं और रिटेल कस्टमर्स को सेवा देना चाहती हैं, उन्हें भी दूसरों की तरह ही टेलीकॉम लाइसेंस के लिए भुगतान करना चाहिए। उन पर वहीं शर्तें लागू होनी चाहिए, जो दूसरी कंपनियों पर हैं।'

मस्क ने भी इस जंग में एंट्री कर ली है। उन्होंने Jio के लेटर के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा, 'मैं कॉल करूंगा और पूछूंगा कि क्या भारत के लोगों को इंटरनेट सर्विस प्रदान करने के लिए स्टारलिंक को कंपीट करने की इजाजत देना बहुत अधिक परेशानी नहीं होगी?'

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