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World Sleep Day: इंसान की सोने में गुजरती है एक तिहाई जिंदगी, जानें सोना क्यों है जरूरी

World Sleep Day: नींद के महत्व को समझाने के लिए हर साल 13 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है। इसी बीच आज हम आपको नींद के महत्व को बताने जा रहे हैं।

World Sleep Day: इंसान की सोने में गुजरती है एक तिहाई जिंदगी, जानें सोना क्यों है जरूरी
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World Sleep Day

World Sleep Day: पूरी दुनिया में लोगों को सोने के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल 13 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2007 में हुई थी। इसका खाद उद्देश्य है कि लोग नींद का महत्व जान सकें और समझ सके कि इसका असर सेहत पर कितना पड़ता है। वहीं आज हम आपको बताएंगे कि इंसान अपनी जिंदगी का एक तिहाई हिस्सा सोने में ही बिता देता है। वहीं आपको इस बात की जानकारी देंगे की इंसान के लिए सोना क्यों जरूरी है।

नींद एक व्यक्ति के जीवन का एक तिहाई हिस्सा होता है

इंसान का दो तिहाई हिस्सा जिंदगी की भागदौड़ में निकल जाता है। वहीं इंसान जिंदगी के एक तिहाई हिस्से तक सोता है। ज्यादातर लोग जानते हैं कि एक अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी होता है। लेकिन बहुत कम लोग ही अपनी नींद पूरी कर पाते हैं।

पशु से लेकर इंसानो के लिए सभी के लिए सोने के घंटे निर्धारित हैं। अगर वो उससे कम नींद लेता है तो उसे काफी समस्याएं होने लगती हैं। तो चलिए जानते हैं कि अलग अलग उम्र के लोगों के लिए कितने घंटे की नींद जरूरी होती है।

नवजात शिशु (0-3 महिने) - 14 से 17 घंटे

शिशु (4-11 माह) - 12 से 15 घंटे

बच्चे (1-2 वर्ष) - 11 से 14 घंटे

बच्चे (3-5 वर्ष) - 10 से 13 घंटे

स्कूल जाने वाले बच्चे (6-13 वर्ष) - 9 से 11 घंटे

किशोर (14-17 वर्ष) - 8 से 10 घंटे

युवा (18-25 वर्ष) - 7 से 9 घंटे

वयस्क (26-64 वर्ष) - 7 से 9 घंटे

वरिष्ठ नागरिक (65 वर्ष से अधिक) - 7 से 8 घंटे

इंसान के लिए सोना क्यों है जरूरी

जैसे शरीर के लिए कई विटामिनों की जरूरत होती है वैसे ही इंसान के लिए नींद भी काफी जरूरी होती है। अच्छी नींद लेने से आपका मैंटल स्टेटस भी काफी अच्छा रहता है।

आप एनरजेटिक फील करते हैं। जिस वजह से आप अपने काम में अच्छा आउटपुट दे पाते हैं।

सोचने समझने की क्षमता बढ़ती है और आप सही फैसले ले पाते हैं।

काफी बीमारियों से बचे रहते हैं।

स्किन और हेयर प्रॉब्लम्स दूर होती हैं।

सोते वक्त शरीर रिलेक्स रहता है।


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Shagufta Khanam

Shagufta Khanam

Jr. Sub Editor


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