मात-पिता की फोन की लत बच्चों के लिए हो सकती है जानलेवाः रिसर्च
इस शोध में बच्चों की इस स्थिति के लिए भी माता-पिता को ही जिम्मेदार ठहराया गया है।

तकनीक ने हमारे जीवन को जितना सरल बनाया है, उतने उसके खतरनाक पहलू अब उभर कर सामने आ रहे हैं। एक शोध में दावा किया गया है कि फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट के प्रति माता-पिता की दीवानगी उनके बच्चों के लिए न सिर्फ खतरनाक है बल्कि जानलेवा भी हो सकती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन और इलिनॉय स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए शोध में बताया गया है कि जिन बच्चों के माता-पिता फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंगसाइट पर अधिक समय बिताते हैं, उनके बच्चों में आत्महत्या जैसी खतरनाक प्रवृत्ति बढ़ जाती है।
हमें अक्सर कहा जाता है कि बच्चों को कंप्यूटर और स्मार्टफोन की स्क्रीन से दूर रखना चाहिए नहीं तो उनमें व्यवहार संबंधी समस्याएं पैदा होने लगती हैं।
मिशिगन यूनिवर्सिटी में व्यवहार विशेषज्ञ और बाल रोग विशेषज्ञ एवं प्रमुख शोधकर्ता जेनी रेडेस्की का कहना है कि ऐसे अभिभावकों के बच्चों में अचानक आवेग में आने की आशंका रहती है। बच्चों और तकनीक के बीच समय बंटने के कारण मां-बाप खुद इतने बोझिल हो जाते हैं कि वे बच्चों की मानसिक स्थिति पर ध्यान ही नहीं दे पाते।
फेसबुक करता है बच्चों से दूर
2016 की कॉमन सेंस मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आठ से 18 साल के बच्चों के माता-पिता लैपटॉप या स्मार्टफोन पर नौ घंटे तक समय बिताते हैं। इसके अलावा 48 फीसदी अभिभावकों ने शोध के दौरान माना कि उनकी इस दीवानगी के कारण बच्चों के साथ समय बिताते हुए तीन से चार बार व्यवधान उत्पन्न हुआ।
24 फीसदी के मुताबिक यह रुकावट दिन में दो बार हुई, जबकि 17 फीसदी के मुताबिक स्मार्टफोन और कंप्यूटर के कारण सिर्फ एक बार रुकावट हुई। कुल 11 फीसदी का कहना था कि इससे उनके और बच्चों के समय में कोई व्यवधान नहीं आया।
स्मार्टफोन से दूर रहने के फायदे
स्मार्टफोन से दूर रहने के अपने फायदे भी हैं। ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के ह्यूमन साइंसेज एंड साइकोलॉजी में प्रोफेसर सारा स्कोप सलिवन का कहना है कि फेसबुक हाल में मां बनने वाली महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।
लत के लिए 39 फीसदी तक आनुवंशिक कारण
फेसबुक या सोशल मीडिया के प्रति दीवानगी के लिए आनुवंशिक कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। लंदन के किंग्स कॉलेज के विशेषज्ञों ने 4250 हमशक्ल जुडवां बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों का अध्ययन किया।
उन्होंने देखा कि सोशल मीडिया की लत के लिए 39 फीसदी तक आनुवंशिक कारण जिम्मेदार होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पता चलता है कि सोशल मीडिया का नशा बाहरी न होकर कई बार आनुवंशिक भी हो सकता है।
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