जानिए कनेर के फूल के औषधीय लाभ, कुष्ठ रोग में भी है कारगर
कनेर का एक बीज डाइगाक्सीन के सौ टेबलेट के बराबर असर करता है।

कनेर के पेड़ आसानी से बहुतायत में कहीं भी मिल जाते हैं। इनकी चार प्रजातियां सफेद, पीला, लाल और गुलाबी फूलों वाली होती हैं। जिनमें पीले और सफेद कनेर का औषधीय उपयोग अधिक होता है।
ये भी पढ़ें- टेंशन करनी हो दूर तो, खाएं लौकी
कनेर के फूल खासकर गर्मियों में ही खिलते हैं। कनेर के पेड़ को कुरेदने या खरोचने से बहुतायत में दूध निकलता है। इसकी फलियां चपटी गोलाकार पांच से छ: इंच वाली होती हैं।
कनेर का जहर डाइगाक्सीन की तरह होता है जो हदय की धड़कन को कम करता है। कनेर का एक बीज डाइगाक्सीन के सौ टेबलेट के बराबर असर करता है। इससे इस पौधे के उपयोग और असर के बारे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इनके सभी अवयवों का हम औषधीय लाभ लेते हैं इस तरह-
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App