घर का घरेलू काम स्ट्रेस दूर करने में है करता मदद
मानसिक समस्याएं धीरे-धीरे हमारे शरीर पर बुरा असर डालती हैं।

मानसिक समस्याएं धीरे-धीरे हमारे शरीर पर बुरा असर डालती हैं। भावनात्मक अपरिपक्वता हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करती है। ऐसे में बीमारियां जल्द हमें घेर लेती हैं।
दरअसल, होता यह है कि जब हम तनाव में होते हैं या परेशान होते हैं। उस समय अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते है कि महज 20 मिनट का घरेलू काम आपको तनाव से राहत देता है।
यह एक मनोवैज्ञान है। ऐसी महिलाएं व पुरुष जिनके जिम्मे घरेलू काम बहुत कम आते हैं, वे भी अपने स्ट्रेस को कम करने के लिए झाड़ू-फटका करना पंसद करते हैं। कोई अलमारी में कपड़े जमाते-जमाते अपनी जिंदगी की उलझनों से पार पा जाता है, तो कोई डस्टिंग करते हुए अपना सारा गुस्सा और खीज धूल पर उतारकर मन के जाले झाड़ डालता है।
घरेलू काम स्ट्रेसबस्टर थैरेपी के रूप में काम करते हैं। कोई वॉशिंग पाउडर की महक के साथ वॉशिंग मशीन में घूमते कपड़ों का शोर एंजॉय करता है। तो किसी को इस्त्री करते समय कपड़ों के साथ-साथ दिमागी उलझनों की सलवटें मिटाना पसंद आ जाता है। किसी को मन की शांति के लिए खाने की कोई नई डिश पकाना अच्छा लगता है, किसी को अपनी कार या स्कूटर धोना सुकून दे जाता है। घर के छुटपुट काम करके आप अपने तनाव या मन में चल रही उथल-पुथल से छुटकारा पा सकते हैं।
जानकारों की राय है कि जब कभी भी तनाव हो तो हमें घर के काम करने चाहिए। घरेलू कामकाज तनाव को दूर कर आपको मानसिक शांति देता है। जानकार इसके पीछे का तर्क भी देते हैं।
इससे एक तो परेशानी की ओर से आपका ध्यान हट जाता है, दूसरे काम करने के दौरान आपका शरीर लय में आ जाता है और दिमाग तरोताजा हो जाता है। फिर काम होने के बाद साफ-सुथरे घर या अलमारी का होना आपको खुश कर देता है। काम खत्म होने तक न केवल आपकी मानसिक स्थिति पुनः नियंत्रण में आ जाती है, बल्कि तनाव के बादल भी हट जाते हैं।
अब जब भी कभी कोई चिंता आपको सताए या कोई उलझन आपके मन को मथने लगे, उठाइए झाड़ू और झटकार दीजिए सारा तनाव। और हां, यह थैरेपी सिर्फ स्त्रियों के लिए नहीं बल्कि पुरुष के लिए भी कारगर है।
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