Mental Health Tips:आपके दिमाग को हमेशा एक्टिव रख सकती है ये चीज, स्टडी में हुआ खुलासा
अगर आप रेग्युलर हेल्दी-न्यूट्रीशस डाइट लेते हैं तो इससे ब्रेन पर एजिंग के दुष्प्रभाव को रोका जा सकता है, साथ ही एजिंग को रिवर्स भी किया जा सकता है। यह खुलासा हाल ही में हुई एक स्टडी में हुआ है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
आमतौर पर मिड एज के बाद ब्रेन (Brain) की कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है। अगर आप रेग्युलर हेल्दी-न्यूट्रीशस डाइट लेते हैं तो इससे ब्रेन पर एजिंग के दुष्प्रभाव को रोका जा सकता है, साथ ही एजिंग को रिवर्स भी किया जा सकता है। यह खुलासा हाल ही में हुई एक स्टडी में हुआ है।
हाल में ही एक स्टडी में वैज्ञानिकों ने पाया कि हमारे पेट और डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में मौजूद गुड बैक्टीरिया, फंगी, यीस्ट आदि ब्रेन हेल्थ को प्रभावित करते हैं। ये सिर्फ दिमाग की बौद्धिक कार्यप्रणाली को ही सुरक्षा नहीं देते बल्कि एजिंग के डैमेजिंग इफेक्ट्स को भी रिवर्स कर देते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि गट और ब्रेन में टू वे कम्युनिकेशन सिस्टम होता है, जिसे गट-ब्रेन एक्सिस कहते हैं। ब्रेन को जाने वाले नर्व सिगनल्स को रासायनिक रूप में बदलकर गट बैक्टीरिया, ब्रेन की केमिस्ट्री को बदल देते हैं। इससे हमारा बिहेवियर, मूड और इंटेलिजेंस प्रभावित होती है।
क्या निकला निष्कर्ष
हाल ही में आयरलैंड की यूनिवर्सिटी कॉलेज कॉर्क में गट रिसर्च सेंटर एपीसी माइक्रोबायोम में हुए अध्ययन में न्यूरोसाइंटिस्ट जॉन क्रेयान ने यह निष्कर्ष निकाला कि हम पेट के हेल्दी बैक्टीरिया का लेवल बढ़ाकर ब्रेन की एजिंग को सिर्फ धीमा ही नहीं बल्कि उसे रिवर्स भी कर सकते हैं।
चूहों पर किया गया अध्ययन
न्यूरोसाइंटिस्ट जॉन क्रेयान और उनकी टीम ने चूहों पर किए गए अपने अध्ययन से यह निष्कर्ष निकाला है, जो 'नेचर एजिंग' जर्नल में प्रकाशित हुआ है। क्रेयान कहते हैं, जब हम उम्रदराज होने लगते हैं तो हमारे पेट के हेल्दी बैक्टीरिया की संख्या कम होने लगती है। हम अपनी डाइट को लेकर जब उदासीन हो जाते हैं या लो और लेस न्यूट्रीशस फूड्स खाने लगते हैं तो यह संख्या बहुत तेजी से कम होने लगती है। इसलिए अपनी बौद्धिक क्षमता सही रखने और ब्रेन को यंग एज की तरह एक्टिव रखने के लिए हमेशा पौष्टिक भोजन करना चाहिए।