सावधान: 30 उम्र में अगर इतना है ब्लडप्रेशर तो करें ये उपाय
देशभर मेंलगभग 6 से 7 करोड़ लोग ऐसे हैं जो हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित तो हैं लेकिन उन्हें इस समस्या के बारे में पता ही नहीं है।

देशभर में करीब 7 करोड़ लोग ऐसे हैं जो ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रस्त हैं। हैरानी की बात यह है कि लगभग 6 से 7 करोड़ लोग ऐसे हैं जो हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित तो हैं लेकिन उन्हें इस समस्या के बारे में पता ही नहीं है।
देश के शहरी क्षेत्रों में लगभग 20 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 10 प्रतिशत लोग हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रस्त हैं। आय में वृद्धि के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर के मामलों में भी वृद्धि हुई है।
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60 से 69 वर्ष की आयु के 50 प्रतिशत और 70 वर्ष की आयु के 75 प्रतिशत लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के मामले सामने आए हैं। बहरहाल, 35 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से रक्तचाप(ब्लड प्रेशर) की जांच करवाते रहें और यदि ब्लड प्रेशर बढ़ा है, तो शीघ्र ही इसका इलाज करवाएं। आज हम आपको बता रहे हैं कि किस उम्र में कितना ब्लड प्रेशर होना चाहिए।
बचाव और इलाज
कड़ाके की ठंाई ब्लड प्रेशर वाले अपने डॉक्टर से परामर्श लें। मौसम को देखते हुए डॉक्टर आपकी दवा की डोज को नए सिरे से निर्धारित कर सकते हैं। सर्दियों में अपने तन को ऊनी वस्त्रों से ढककर रखें। असहज महसूस करने पर अपने ब्लड प्रेशर को चेक करें या करवाएं।
हाई ब्लड प्रेशर का स्थाई इलाज नहीं है। हां, इसे खानपान में सुधार,स्वस्थ जीवन-शैली पर अमल कर और दवाओं द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। जब एक बार पता चल जाए कि ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, तो डॉक्टर से इसकी नियमित जांच करवानी चाहिए। डॉक्टर जो दवा सुझाएं, उन्हें नियमित रूप से लें।
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हाई ब्लड प्रेशर की अवस्था में दो बातों पर ध्यान देना आवश्यक हो जाता है। धूम्रपान की लत और कोलेस्ट्रॉल के स्तर का बढ़ना दिल के दौरे का कारण बनता है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को धूम्रपान छोड़ देना चाहिए।
मानसिक तनाव भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का एक बड़ा कारण है। इसलिए तनाव को स्वयं पर हावी न होने दें। हाई ब्लड प्रेशर वाले यदि खानपान में संयम बरतें, तो वे दिल के दौरे, लकवा, किडनी की बीमारी आदि से बचाव कर सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर वालों को खाने में नमक की मात्रा 3.4 ग्राम प्रतिदिन लेनी चाहिए यानी केवल आहार में आधा चम्मच नमक (छोटा चम्मच) कम कर देने से ही हाई ब्लड प्रेशर को सामान्य स्तर पर लाया जा सकता है।
युवा वर्ग भी हैं गिरफ्त में
सच तो यह है कि युवा वर्ग में ही नहीं बल्कि बच्चों और किशोरों में भी हाई ब्लडप्रेशर से संबंधित मामले सामने आ रहे हैं। इधर टेलीविजन, वीडियोगेम्स, कंप्यूटर और स्मार्ट फोन के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण बच्चों की आउट डोर गेम्स में दिलचस्पी काफी कम हो चुकी है।
इस स्थिति में वे खाते बहुत हैं, पर उनकी कैलोरी बर्न नहीं हो पाती। इस कारण तमाम बच्चे और किशोर-किशोरियां मोटापे से ग्रस्त हो रहे हैं। इसके अलावा बच्चों पर पढ़ाई के बोझ के अलावा उनके अभिभावक उनसे अपेक्षाएं भी बहुत ज्यादा रखने लगे हैं।
इस कारण वे तनावग्रस्त हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में उनका ब्लडप्रेशर सामान्य से असामान्य हो सकता है। किशोर और युवक-युवतियां जब तनाव के कारण स्वयं को असामान्य महसूस करें, तो उन्हें अपने डॉक्टर के परामर्श के अनुसार अमल करना चाहिए।
उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए बीपी?
15 से 18 साल तक
पुरुष- 117-77mmHg
महिला- 120-85mmHg
19 से 24 साल तक
पुरुष- 120-79mmHg
महिला- 120-79mmHg
25 से 29 साल तक
पुरुष- 120-80mmHg
महिला- 120-80mmHg
30 से 35 साल तक
पुरुष- 122-81mmHg
महिला- 123-82mmHg
36 से 39 साल तक
पुरुष- 123-82mmHg
महिला- 124-83mmHg
40 से 45 साल तक
पुरुष- 124-83mmHg
महिला- 125-83mmHg
46 से 49 साल तक
पुरुष- 126-84mmHg
महिला- 127-84mmHg
50 से 55 साल तक
पुरुष- 128-85mmHg
महिला- 129-85mmHg
56 से 59 साल तक
पुरुष- 131-37mmHg
महिला- 130-86mmHg
60 साल से अधिक के लोगों का
पुरुष- 135-88mmHg
महिला- 134-84mmHg
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