Sawan Somwar 2025: तीसरे सोमवार को इस रंग की साड़ी पहनें, भोलेनाथ की बनी रहेगी कृपा

सावन के तीसरे दिन नीले रंग की साड़ी पहनें (Image: Grok)
सावन का महीना आते ही भक्तिभाव और शिव आराधना की पवित्र हवा हर ओर बहने लगती है। यह वो समय होता है जब भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लाखों श्रद्धालु व्रत रखते हैं, जल चढ़ाते हैं और भक्ति में लीन हो जाते हैं। खासकर सावन के सोमवार शिवभक्तों के लिए बेहद खास होते हैं, क्योंकि यह दिन स्वयं भोलेनाथ को समर्पित होता है।
शिव की पूजा में जहां एक ओर व्रत, मंत्र जाप और रुद्राभिषेक का महत्व होता है, वहीं महिलाएं इस दिन खासतौर पर पारंपरिक परिधान पहनकर भोलेनाथ की पूजा करती हैं। शास्त्रों और ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक सोमवार को एक विशेष रंग पहनने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है। सावन के तीसरे सोमवार को नीले रंग की साड़ी पहनना विशेष शुभ और फलदायी माना जाता है।
तीसरे सोमवार के लिए क्यों है नीला रंग खास ?
नीला रंग शांति, समर्पण और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। यह रंग न केवल मानसिक स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि यह भगवान शिव के गंभीर और शांत स्वरूप से भी मेल खाता है। नीले रंग का संबंध सीधे तौर पर विषपान करने वाले नीलकंठ शिव से भी जुड़ा हुआ है। ऐसे में सावन के तीसरे सोमवार को नीले रंग की साड़ी पहनकर पूजा करने से शिव जी जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं।
नीली साड़ी पहनने के फायदे
- शिव जी का आशीर्वाद जल्दी प्राप्त होता है।
- मन की शांति और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
- कठिन इच्छाएं पूरी होने की संभावना बढ़ती है।
- वैवाहिक जीवन में मिठास और स्थिरता आती है।
- संतान प्राप्ति और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करने वालों को लाभ होता है।
सावन सोमवार पूजा विधि
- स्नान कर के साफ नीले रंग की साड़ी धारण करें।
- शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र, धतूरा, भस्म आदि अर्पित करें।
- शाम को दीप जलाकर शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
- व्रत रखने वालों को पूरे दिन फलाहार करना चाहिए।
सावन के तीसरे सोमवार को नीले रंग की साड़ी पहनना न सिर्फ धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, बल्कि यह भोलेनाथ की विशेष कृपा पाने का एक सुंदर माध्यम भी है। यह रंग आपके व्यक्तित्व में शांति और भक्ति का संचार करता है। यदि आप इस सावन अपने जीवन में शिव कृपा और सकारात्मक ऊर्जा लाना चाहती हैं, तो तीसरे सोमवार को नीले रंग की साड़ी पहनकर शिव जी का पूजन अवश्य करें।
