प्रकाश राज ने पवन कल्याण पर कसा तंज: तेलुगु-हिंदी भाषाई विवाद पर बोले तीखे बोल

हिंदी को 'पेदाम्मा' कहने पर पवन कल्याण से भिड़े प्रकाश राज
Prakash Raj: तेलुगु सुपरस्टार और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के ‘हिंदी’ समर्थन वाले बयान पर अभिनेता प्रकाश राज भड़क उठे हैं। दरअसल, हाल ही में हैदराबाद में आयोजित ‘दक्षिण संवाद’ कार्यक्रम में पवन कल्याण ने हिंदी भाषा को भारत की राष्ट्रभाषा बताते हुए दक्षिण के लोगों से इसे सीखने की अपील की थी।
अब इस प्रकाश राज ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे शर्मनाक बताया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
क्या कहा प्रकाश राज ने?
प्रकाश राज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पवन का एक वीडियो रीट्वीट कर लिखा, "क्या आप खुद को इतनी सस्ती सोच में बेच रहे हैं?शर्मनाक।"
ఈ range కి అమ్ముకోవడమా ….ఛి…ఛీ… #justasking https://t.co/Fv9iIU6PFj
— Prakash Raj (@prakashraaj) July 11, 2025
पवन कल्याण का बयान
दरअसल पवन कल्याण ने अपने भाषण में कहा था कि तेलुगु हमारी मातृभाषा है, लेकिन हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। जब हम सीमाएं पार करते हैं, तो हिंदी हमें एकजुट करती है। हमें भाषाई दीवारों को तोड़कर आगे बढ़ना होगा। हिंदी विरोध प्रगति में बाधा है; इसे अपनाना आत्मबल है।
आगे पवन कल्याण ने हिंदी को ‘पेदाम्मा’ यानी मां की बड़ी बहन बताया और इसे अपनाने की अपील की।
सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए प्रकाश राज
प्रकाश राज का पवन कल्याण पर तंज वाला ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिस पर पवन कल्याण के समर्थकों ने जमकर प्रतिक्रिया दी।इतना ही नहीं, कई यूजर ने उन्हें ट्रोल किया, गाली-गलौज तक की।
एक यूजर ने एक्स पर लिखा, “अगर हमने तुम्हें देखा, तो चप्पलों से मारेंगे।"
कुछ यूज़र्स ने उन्हें हिंदी भाषा में काम करने को लेकर भी घेरा और कहा, “अगर आपको हिंदी से इतनी नफरत है, तो हिंदी फिल्मों में काम क्यों करते हो?"
इस फिल्म में दोनों साथ कर रहे हैं काम
इस पूरे विवाद के बीच खास बात ये है कि प्रकाश राज और पवन कल्याण एक साथ आने वाली फिल्म ‘OG’ में नज़र आने वाले हैं। ऐसे में फैंस यह जानने को बेताब हैं कि क्या यह विवाद फिल्म के प्रचार को नुकसान पहुंचाएगा या इससे फिल्म की चर्चा तेज होगी।
क्या था दक्षिण संवाद?
यह कार्यक्रम गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें भाषायी एकता और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को लेकर चर्चा की गई।
पवन कल्याण ने सोशल मीडिया पर भी हिंदी के प्रयोग को समर्थन देने की अपील की और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को उद्धृत करते हुए कहा, “भाषा को दिलों को जोड़ना चाहिए, तोड़ना नहीं। हिंदी को इसी भावना से अपनाएं।”
काजल सोम
