जब आशा भोसले और लता मंगेश्कर के बीच झगड़े की आती थीं खबरें, तब ऐसा होता था बहनों का रिएक्शन
बॉलीवुड के महान सिंगर्स में से एक आशा भोसले आज अपने जीवन के 88 साल पूरे कर चुकी हैं। आशा का जन्म 8 सितंबर 1933 को महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। लता और आशा के एक ही टाइम पर उनकी सिंगिंग को लेकर के काफी चर्चे थे, सो उस समय उनके बीच झगड़े की खबरें भी आती रहती थी। तो आज आशा के जन्मदिन पर हम उनके पुराने इंटरव्यू के बारें में बात करेंगे जब सिंगर ने लता दीदी संग अपने झगड़े पर बातचीत की थी।

बॉलीवुड के महान सिंगर्स में से एक आशा भोसले (Asha Bhosle) आज अपने जीवन के 88 साल पूरे कर चुकी हैं। आशा का जन्म 8 सितंबर 1933 को महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। आशा अपनी दीदी लता मंगेश्कर (Lata Mangeshkar) की तरह ही काफी मशहूर हैं। लता और आशा के एक ही टाइम पर उनकी सिंगिंग को लेकर के काफी चर्चे थे, सो उस समय उनके बीच झगड़े की खबरें भी आती रहती थी। तो आज आशा के जन्मदिन पर हम उनके पुराने इंटरव्यू के बारें में बात करेंगे जब सिंगर ने लता दीदी संग अपने झगड़े पर बातचीत की थी।
आशा नें अपने एक पुराने इंटरव्यू में इस बारे में बात की थी। आशा ने कहा था, "वह मेरी बहन और मेरी पसंदीदा गायिका है। लोगों ने किस्से सुनाए और परेशानी पैदा करने की कोशिश की, लेकिन खून पानी से भी गाढ़ा होता है। मुझे याद है, कभी-कभी हम दोनों एक फंक्शन में होते थे और कुछ इंडस्ट्री के लोग मुझे इग्नोर करते थे और केवल दीदी के साथ बातचीत करते थे, मानो अपनी वफादारी साबित करने के लिए। बाद में, दीदी और मैं इस बात पर खूब हंसते थे!" इसके अलावा आशा ने अपने एक अलग इंटरव्यू में अपने पति आरडी बरमन (RD Burman) के बारें में भी एक किस्सा सुनाया था कि कैसे संगीतकार अपने सारे रोमांटिक सॉन्ग लता को दे देते थे। आशा नें कहा, "वह दीदी (लता मंगेशकर) को सभी स्वीट, रोमांटिक गाने देते थे और हर बार वह उस गानें के साथ एक्सपेरीमेंट करना चाहते थे जिसे वह मुझे गाने के लिए बुलाते थे। चाहे दुनिया में, हो या पिया तू (कारवां), ओह मेरी जान मैंने कहा (ट्रेन) या आजा आजा, ओ मेरे सोना (तीसरी मंजिल), ऐसे गानों के लिए वह मुझे बुलाते थे।
आशा भोसले ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत साल 1943 में की थी। उन्होंने सात दशकों में 12,000 से अधिक गाने गाए हैं। आशा भोसले अपनी वर्सटाइल आवाज के लिए जानी जाती हैं। आइए मेहरबान (हावड़ा ब्रिज), ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा (मेरे सनम), आओ हुजूर तुमको (किस्मत), जाए आप कहां (मेरे सनम), अब के बरस (बंदिनी), दम मारो दम (हरे राम हरे कृष्णा), और चुरा लिया है तुमने (यादों की बारात) जैसे कई गानों में उन्होंने अपनी आवाज़ का जादू लोगों पर चलाया है। सिंगर को साल 2000 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार और साल 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित भी किया जा चुका है।