Jind youth murdered in America: अमेरिका से 9 दिन बाद जींद पहुंचा कपिल का शव, डंकी रूट से गया था विदेश
अमेरिका में डंकी रूट से ढेरों सपने लेकर गया जींद का कपिल ताबूत में वापस लौटा। उसने एक अमेरिकी को स्टोर के बाहर सड़क पर पेशाब करने से रोका था। इतनी बात पर ही उसे गोलियों से भून दिया गया।
Jind youth murdered in America : अमेरिका में हत्या के बाद जींद के 26 वर्षीय कपिल का शव 9 दिन बाद सोमवार को गांव बराह कलां पहुंचा। पूरे गांव से सैकड़ों की संख्या में लोग उसके अंतिम संस्कार में शामिल हुए और नम आंखों से अपने लाल को अंतिम विदाई दी।
डंकी रूट से गया था अमेरिका
बराह कलां निवासी ईश्वर का बेटा कपिल परिवार की इकलौता संतान था। 2022 में उसने अमेरिका जाने का जोखिम भरा फैसला लिया। लाखों रुपये खर्च कर डंकी रूट के जरिए वह पनामा के जंगलों और मैक्सिको की दीवार पार करते हुए अमेरिका पहुंचा था। वहां पहुंचने के बाद उसे कुछ समय तक कानूनी कार्रवाई झेलनी पड़ी, लेकिन अंततः वह वहीं बस गया। अमेरिका के लॉस एंजिलिस शहर में कपिल एक फ्लिपकार्ट स्टोर पर सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर नौकरी कर रहा था। परिजनों ने बताया कि वह मेहनती और जुझारू स्वभाव का था। घरवालों का सहारा बनने के लिए उसने विदेश की राह चुनी थी।
अमेरिकी को सड़क पर पेशाब करने से रोका था
6 सितंबर को वह हमेशा की तरह अपनी ड्यूटी पर तैनात था। इसी दौरान एक अमेरिकी मूल का युवक स्टोर के बाहर आया और सड़क पर पेशाब करने लगा। कपिल ने उसे मना किया, जिस पर दोनों में कहासुनी हो गई। विवाद इतना बढ़ा कि युवक ने पिस्तौल निकालकर कपिल पर कई गोलियां चला दीं। गंभीर रूप से घायल कपिल मौके पर ही गिर पड़ा। पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। आरोपी घटना के बाद मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश वहां की पुलिस कर रही है।
शव लाने में आया 10 लाख से अधिक खर्च
अमेरिका में कपिल की मौत के बाद उसके शव को भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान यारी इंटरनेशनल संस्था ने परिजनों की मदद की और सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी करवाईं। पोस्टमॉर्टम के बाद 9 दिन की लंबी प्रक्रिया के बाद शव भारत लाया गया। परिजनों के मुताबिक, शव को घर तक लाने में 10 लाख रुपये से अधिक का खर्च आया।
अंतिम यात्रा में उमड़ा गांव
सोमवार को कपिल का शव जब गांव पहुंचा तो वहां मातम का माहौल छा गया। पिता ईश्वर और मां बेसुध हो गए। पूरे गांव ने अंतिम यात्रा में शिरकत कर शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार कपिल का अंतिम संस्कार किया गया। गांव के सरपंच सुरेश कुमार ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में सरकार की ओर से किसी भी तरह की सहायता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि विदेश में पढ़ाई या नौकरी के लिए जाने वाले युवाओं के साथ किसी अनहोनी की स्थिति में सरकार को परिजनों का साथ देना चाहिए।