जींद: यूनिवर्सिटी में यौन उत्पीड़न और अश्लील चैट खुलासे के बाद 3 प्रोफेसर निलंबित
छात्राओं ने शिकायत में यह भी बताया कि प्रोफेसर रात में वीडियो कॉल करते थे और मना करने पर उन्हें शैक्षणिक नुकसान की धमकी दी जाती थी। कुलपति ने इस शर्मनाक घटना की गहन आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं।
जींद में प्रोफेसरों का पुतला फूंकते ABVP के कार्यकर्ता।
हरियाणा के जींद स्थित चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी (CRSU) में शिक्षा जगत को शर्मसार करने वाली एक गंभीर घटना सामने आई है। यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग के तीन प्रोफेसरों पर छात्राओं के यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़ित छात्रा ने प्रोफेसरों के साथ हुई आपत्तिजनक व्हाट्सएप चैट को सार्वजनिक किया। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपी प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया है और उच्च स्तरीय आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं।
व्हाट्सएप चैट में चौंकाने वाले खुलासे
छात्राओं द्वारा कुलपति और अन्य उच्च अधिकारियों को दी गई शिकायत में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आरोप है कि विभाग के प्रोफेसर छात्राओं पर दबाव डालकर व्हाट्सएप पर लगातार अश्लील और अशोभनीय बातें करते थे।
चैट के स्क्रीनशॉट में प्रोफेसरों द्वारा एक छात्रा की सुंदरता और उसके पहनावे को लेकर अनावश्यक टिप्पणियां की गईं। हद तो तब हो गई जब छात्रा से सीधे तौर पर अत्यंत व्यक्तिगत और आपत्तिजनक सवाल पूछा गया कि आर यू वर्जिन? यानी क्या तुम कुंवारी हो?। इस तरह के प्रश्न स्पष्ट रूप से शैक्षणिक मर्यादाओं का उल्लंघन करते हैं और इसे गंभीर मानसिक उत्पीड़न माना जा रहा है। छात्राओं ने आरोप लगाया कि मना करने पर एक प्रोफेसर ने उन्हें भविष्य में शैक्षणिक कार्रवाई की धमकी भी दी थी।
प्रोफेसरों पर अन्य गंभीर आरोप भी लगे हैं
तीनों निलंबित प्रोफेसरों पर सिर्फ अश्लील चैट के ही आरोप नहीं हैं, बल्कि उनके व्यवहार पर कई अन्य गंभीर शिकायतें भी दर्ज कराई गई हैं।
• अशोभनीय टिप्पणियां : शिकायत में उल्लेख है कि प्रोफेसरों ने कक्षाओं के दौरान और क्लास के बाहर भी छात्राओं पर अशोभनीय व्यक्तिगत टिप्पणियां कीं और बार-बार अनुचित व्यक्तिगत प्रश्न पूछे।
• असुविधाजनक समय पर कॉल : एक अन्य प्रोफेसर पर रात 11 बजे जैसे असुविधाजनक समय पर छात्राओं को व्हाट्सएप वीडियो कॉल करने का आरोप है, जो छात्राओं की निजता का उल्लंघन है।
• जातिगत भेदभाव : तीसरे प्रोफेसर पर कथित तौर पर अनुसूचित जाति (SC), पिछड़ा वर्ग (BC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय को लेकर अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के भी आरोप लगाए गए हैं, जो शैक्षणिक परिसर में भेदभाव को दर्शाता है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने की त्वरित कार्रवाई
मामले की गंभीरता और छात्राओं के लगातार विरोध के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन हरकत में आया। 27 नवंबर को, अंग्रेजी विभाग की पचास से अधिक छात्राओं ने सामूहिक रूप से कुलपति (VC) रामपाल सैनी से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई।
कुलपति सैनी ने मामले में शून्य सहिष्णुता (Zero Tolerance) दिखाते हुए तीनों आरोपी प्रोफेसरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्होंने इस घटना को पूरे शिक्षक समाज के लिए शर्मनाक बताया। कुलपति ने एक आंतरिक जांच समिति (Internal Inquiry Committee) का गठन किया है और उसे जल्द से जल्द मामले की गहन जांच करने का निर्देश दिया है।
कुलपति ने सख्त लहजे में कहा है कि यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो वह यह सुनिश्चित करेंगे कि इन प्रोफेसरों के खिलाफ इतनी कठोर कार्रवाई हो कि इन्हें पूरे देश में कहीं भी प्रोफेसर की नौकरी न मिले। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भी भेजी गई है।
छात्रों का विरोध प्रदर्शन
इस घटना के विरोध में मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों ने यूनिवर्सिटी परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने तीनों आरोपी प्रोफेसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए उनका पुतला दहन किया। छात्र नेताओं ने चेतावनी दी है कि जब तक इन प्रोफेसरों को स्थायी रूप से बर्खास्त नहीं किया जाता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। इस घटना ने एक बार फिर शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा और शिक्षकों के नैतिक आचरण के महत्व पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
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