सरकारी स्कूलों में बनेंगे न्यूट्रिशन गार्डन: बच्चे व शिक्षक स्कूल में उगाएंगे सब्जियां, मिड डे मील में खाकर बनाएंगे सेहत

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में न्यूट्रिशन गार्डन बनाने की पहल की जा रही है। इससे न केवल बच्चे प्रकृति के प्रति जागरूक होंगे बल्कि मिड डे मील में उन्हें यहां की ताजा सब्जियां मिल सकेंगी।

Updated On 2025-06-30 19:27:00 IST
न्यूट्रिशन गार्डन का प्रतीकात्मक फोटो। 

सरकारी स्कूलों में बनेंगे न्यूट्रिशन गार्डन : हरियाणा के राजकीय स्कूलों में न्यूट्रिशन गार्डन बनाए जाएंगे। यहां पर बच्चे न केवल गार्डनिंग के गुर सिखेंगे बल्कि यहां से मिलने वाली सब्जियों को मिड डे मील में इस्तेमाल करेंगे। इसे लेकर मौलिक शिक्षा हरियाणा के महानिदेशक ने प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है।

खाली जगह न होने पर स्कूल के छतों पर लगेंगे गमले

महानिदेशक ने निर्देश दिए हैं कि सभी सरकारी स्कूलों में स्कूल न्यूट्रिशन गार्डन स्थापित किए जाने हैं। जिन स्कूलों में जगह कम है अथवा नहीं है, उन स्कूलों में भवन की छत पर गमलों या पॉलीबैग आदि में सब्जियों के पौधे लगाए जाएंगे। इस प्रक्रिया में विद्यालयों में छात्रों को भी शामिल किए जाएगा ताकि उन्हें भी न्यूट्रिशन के बारे में बताया जा सके।

आठवीं कक्षा तक मिलता है मिड डे मील

राजकीय स्कूलों में आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को दोपहर के समय मिड डे मील के माध्यम से भोजन दिया जाता है। सप्ताह में अलग-अलग दिन विद्यार्थियों के भोजन का मेन्यू भी निर्धारित किया हुआ है। इसमें विद्यार्थियों को दाल, चावल, रोटी, हलवा, पूरी, गुलाब जामुन जैसे व्यंजन शामिल हैं। अब महानिदेशक ने स्कूलों में सेहतमंद खाने के लिए न्यूट्रिशन गार्डन बनाने के आदेश दिए हैं ताकि वहां से मिलने वाली सब्जियां मिड डे मील में प्रयोग में आ सके।

किचन गार्डन की मरम्मत के लिए पांच हजार रुपये

खंड शिक्षा अधिकारी राजपाल देशवाल ने बताया कि किचन गार्डन की मरम्मत के लिए पांच हजार रुपये प्रति स्कूल राशि विद्यालय के मिड डे मील अकाउंट में डाल दी गई है। इस राशि का उपयोग केवल किचन गार्डन के रखरखाव और सुधार के लिए किया जाना है। इसके तहत रखरखाव उपकरण जैसे खाद, बीज, कस्सी, खुरपे और सुरक्षा के लिए बाड़ लगाने में प्रयोग किया जा सकता है।

हर विद्यार्थी के स्वास्थ्य की दो बार होगी जांच

विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच को लेकर भी निर्देश जारी हुए हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत स्कूलों में विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच वर्ष में दो बार डॉक्टरों की टीम द्वारा की जाएगी। वर्ष में दो बार शिक्षक प्रत्येक विद्यार्थी की लंबाई और वजन को मापेंगे। निर्देश आए हैं कि स्कूल की दीवार पर लंबाई का पैमाना बनाया जाए, जिससे छात्रों की लंबाई सरकारी डॉक्टरों द्वारा भी मापी जा सके।

हर माह लैब में चेक करवाना होगा मिड डे मील

भोजन के परीक्षण के लिए सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पहले ही राशि आवंटित की जा चुकी है। निर्देश दिए गए हैं कि सभी विद्यालयों का कम से कम मास में एक बार मिड डे मील का खाना भारत सरकार द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला से चेक करवाया जाए। सभी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन को टेस्ट करने के लिए रजिस्टर बनाया जाए। जिसमें सभी एसएमसी सदस्यों व छात्रों के अभिभावकों द्वारा मध्याह्न भोजन टेस्ट किए जाएं तथा उसका रिकॉर्ड रजिस्टर में रखा जाए। प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान सभी विद्यालयों में कुकिंग प्रतियोगिता करवाई जाए तथा इसमें सभी कुक कम हेल्पर्स को शामिल किया जाए। स्कूलों में मिड डे मील स्कीम के अंतर्गत सभी विद्यालयों में स्वच्छता अभियान चलाया जाए। 

Tags:    

Similar News