दो हजार करोड़ की ठगी में गिरफ्तारी: एक साल में रकम तीन गुनी करने का झांसा देकर फंसाया, जयपुर से एक आरोपी काबू
हरियाणा के जींद में एक फर्जी निवेश योजना के तहत 25 लोगों से एक करोड़ रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। पूरे देश में यह ठगी करीब दो हजार करोड़ से ज्यादा की है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए राजस्थान निवासी मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है
दो हजार करोड़ की ठगी में गिरफ्तारी : हरियाणा के जींद जिले के उचाना क्षेत्र में एक बड़े ठगी नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है। करीब 25 ग्रामीणों को निवेश पर तीन गुना मुनाफे का झांसा देकर एक करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की गई। पूरे देश की बात करें तो यह ठगी करीब 2 हजार करोड़ रुपये की है। इस मामले में पुलिस ने राजस्थान के जयपुर निवासी प्रकाश चंद जैन को गिरफ्तार कर लिया है, जो कथित तौर पर इस फर्जीवाड़े के मुख्य साजिशकर्ता में से एक है।
कंपनी के जयपुर मुख्यालय में दिया मोटे मुनाफे का लालच
गांव थुआ निवासी सतीश ने नवंबर 2024 में अलेवा थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत के अनुसार, उसकी मुलाकात पानीपत में काम कर रहे कमल गोस्वामी से हुई थी। बातचीत के दौरान कमल ने सतीश को बताया कि वह एक बड़ी निवेश कंपनी से जुड़ा है, जिसका नाम डीजी मुद्रा है। कमल ने कंपनी को भारत सरकार से मान्यता प्राप्त बताते हुए सतीश को समझाया कि अगर वह निवेश करता है, तो एक साल में तीन गुना लाभ मिल सकता है। सतीश ने कमल की बातों में आकर जयपुर जाकर कंपनी का दौरा किया। वहां उसकी मुलाकात अजमेर रोड स्थित एक ऑफिस में प्रकाश चंद जैन, रवि जैन और अन्य सदस्यों से करवाई गई। सतीश को कंपनी की कार्यप्रणाली समझाने के साथ-साथ यह दिखाया गया कि कैसे अन्य लोग इससे मोटा लाभ कमा चुके हैं। उसे विश्वास दिलाने के लिए एक मोबाइल एप डाउनलोड कराई गई जिसमें उसका लगाया गया पैसा और बढ़ती रकम दिखाई देने लगी।
एप में दिखी बढ़ती रकम, फिर 24 और परिचितों के पैसे लगवाए
कुछ समय तक एप में निवेश की रकम बढ़ती दिखने से सतीश को भरोसा हो गया। इसके बाद उसने अपने परिवार के अन्य सदस्यों भाई सुरेंद्र, बहन गीता, भतीजी अनुष्का और मां रामरती के नाम से आईडी बनवाकर कुल 29.58 लाख का निवेश कर दिया। इसके अलावा, गांव के अन्य 20 से अधिक लोगों को भी कंपनी के संपर्क में लाया गया, जिससे कुल ठगी की राशि करीब एक करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
एक आरोपी दुबई भागा, नेटवर्क देशभर में फैला
सभी निवेशकों को एप के माध्यम से लाभ दिखाया जाता रहा, लेकिन जब उन्होंने पैसा निकालना चाहा तो हर बार कोई न कोई बहाना बना दिया गया। आखिरकार सतीश व अन्य पीड़ित जयपुर स्थित कंपनी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्हें तीन महीने का समय दिया गया। जब तीन महीने बाद भी भुगतान नहीं हुआ तो सभी को ठगी का आभास हुआ। जांच के दौरान सतीश को पता चला कि कंपनी का एक और डायरेक्टर रवि जैन पहले ही 2000 करोड़ की ठगी कर दुबई भाग चुका है। इस नेटवर्क में राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई शहरों के लोग शामिल थे, जिनमें कमल गोस्वामी (मध्य प्रदेश), कैलाश मालाकार (अजमेर), विवेक, शशि जैन, ओमपुरी गोस्वामी (नागौर), रामस्वरूप (अजमेर) और ओजोस इन्फोटेक जयपुर का मालिक आकाश जैन जैसे नाम शामिल हैं।
एफआईआर में 10 नामजद, 25 अन्य अज्ञात
पुलिस ने इस मामले में कुल 10 लोगों को नामजद किया है और 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। फिलहाल जयपुर निवासी प्रकाश चंद जैन को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है। अन्य आरोपियों की तलाश में टीमें गठित की गई हैं। पुलिस ने चेताया है कि इस तरह पैसे डबल व ट्रिपल करने के झांसे में न आएं। सही निवेश को ही चुनें।