किसानों को मुआवजा वितरण में गोलमाल: पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव के भतीजे समेत 27 लोगों ने हड़पा फसल खराबे का मुआवजा

हरियाणा के फतेहाबाद में फसल खराबे का मुआवजा वितरण करने में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। कांग्रेस नेता कैप्टन अजय यादव के भतीजे व तत्कालीन तहसीलदार समेत 27 लोगों पर इसमें केस दर्ज हुआ है। जानें कैसे किया गया था पूरी योजना के साथ यह फर्जीवाड़ा।

Updated On 2025-06-01 18:15:00 IST
फर्जीवाड़े का आरोपी तत्कालीन तहसीलदार रणविजय अपने चाचा कांग्रेस नेता कैप्टन अजय यादव के साथ।

किसानों को मुआवजा वितरण में गोलमाल : हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव बड़ोपल में 2021 में भारी बरसात के बाद जलभराव से खराब हुई फसलों के मुआवजा वितरण में बड़ा गोलमाल सामने आया है। अधिकारियों ने मिलीभगत कर अपने चहेतो के खातों में मुआवजा राशि ट्रांसफर कर लाखों रुपये हजम कर लिए। सीएम फ्लाइंग ने जब इसकी जांच की तो पूरे घपले की पोल खुली। अब सीएम फ्लाइंग के एसआई की शिकायत पर फतेहाबाद पुलिस ने फतेहाबाद के तत्कालीन तहसीलदार, नायब तहसीलदार, 5 कानूनगो, एक पटवारी सहित 27 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। खास बात यह है कि इस मामले में पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता कैप्टन अजय यादव के भतीजे पर भी केस दर्ज हुआ है। आरोपी रणविजय सिंह सुल्तानिया फिलहाल पानीपत का जिला राजस्व अधिकारी (DRO) है। इससे सियासी हलचल भी शुरू हो गई है। वहीं, मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की यह जांच 18 गांवों तक और पहुंच सकती है।

3696 एकड़ कृषि भूमि के बांटे थे 3 करोड़ 51 लाख रुपये

पुलिस को दी शिकायत में सीएम फ्लाइंग हिसार के एसआई राजेश कुमार ने कहा है कि सीएम फ्लाइंग को शिकायत मिली थी कि फतेहाबाद के गांव बड़ोपल के पटवारी व उसके निजी सहायकों द्वारा कानूनगो, नायब तहसीलदार/तहसीलदार से मिलीभगत करके अपने चहेते किसानों, रिश्तेदारों व अन्य लोगों को फर्जी तरीके से मुआवजा राशि दिलवा दी। इस पर सीएम फ्लाइंग ने तहसील कार्यालय फतेहाबाद व सम्बंधित बैंकों में जाकर रिकार्ड की जांच की तो पाया कि फतेहाबाद के गांव बड़ोपल में वर्ष 2021 में भारी बरसात के चलते नरमा की फसल खराब हो गई थी। फसल खराबा की क्षतिपूर्ति हेतु वर्ष 2022 में सरकार द्वारा प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरित करने के लिए 4 करोड़ 25 लाख की राशि तहसीलदार फतेहाबाद के खाते में डाली थी। उस समय बड़ोपल में अत्याधिक वर्षा से जलभराव के कारण कुल 4475 एकड़ कृषि भूमि में फसल खराब हुई थी। इसमें से कुल 3696 एकड़ कृषि भूमि की 3 करोड़ 51 लाख 18 हजार 895 रुपये की मुआवजा राशि वर्ष 2022 में तहसीलदार फतेहाबाद द्वारा किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई थी तथा 73 लाख 81 हजार 105 रुपये की राशि तहसीलदार ने वापस भेज दी थी। शिकायत के अनुसार फसल खराबा प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि वितरित करने के लिए राजेन्द्र सिंह पटवारी द्वारा अपने निजी सहायकों कमलजीत व सुंदर उर्फ बिल्ला से किसानों की मुआवजा वितरण लिस्ट तैयार करवाई।

ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा : पीड़ित किसान के नाम के आगे चहेते का लिखा खाता नंबर

जांच में सामने आया कि लिस्ट के 1919 नंबर पर दर्ज राजेन्द्र पटवारी के निजी सहायक सुंदर उर्फ बिल्ला के खाते में 22 जुलाई 2022 को 40500 रुपये, क्रमांक 1791 पर दर्ज मनीराम पुत्र सहीराम के नाम पर सुंदर के खाते में ही 15319 रुपये की राशि जारी की गई है। इसी तरह लिस्ट में 1273 नंबर पर रवि पुत्र चन्द का नाम दर्ज है परंतु बैंक खाता सुरजीत पुत्र अंतर सिंह का है जिसमें 45500 रुपये मुआवजा दिया गया। 2066 नंबर पर किसान का नाम राम सिंह पुत्र छबील दास दर्ज है जबकि बैंक खाता कमलजीत निवासी ढाणी मियां खां का है जिसमें 40010 रुपये मुआवजा राशि जारी की गई। 1968 नंबर पर कमलजीत के जानकार राजपाल के बैंक खाते में 35700 रुपये व 42910 रुपये की मुआवजा राशि जारी की गई। 1969 नंबर पर कमलजीत की जानकार सुमन के खाते में 47100 रुपये, क्रम संख्या 1126 पर दर्ज कमलजीत के दोस्त राहुल के खाते में 46700, क्रम संख्या 1333 पर दर्ज राहुल के खाते में 38910 की अवैध मुआवजा राशि जारी की गई है जबकि कमलजीत, राजपाल, सुमन व राहुल का नाम बड़ोपल की एपीआर फसल खराबा में नहीं है। इसी तरह आरोपियों ने मिलीभगत कर मुआवजा राशि में गोलमाल किया है।

9500 रुपये प्रति एकड़ देना था मुआवजा

सीएम फ्लाइंग अधिकारी ने कहा कि राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग के पत्र अनुसार सिर्फ गैर बीमित किसानों को 5 एकड़ फसल खराबे का 9500 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाना था। राजेन्द्र प्रसाद पटवारी, पिरथी सिंह काकड़ कानूनगो, मंगत राम कानूनगो, राजाराम कानूनगो, सतपाल कानूनगो, बनवारी लाल कानूनगो, राजेश कुमार गर्ग नायब तहसीलदार फतेहाबाद, रण विजय सुलतानियां तत्कालीन तहसीलदार फतेहाबाद द्वारा कमलजीत व राहुल निवासी ढाणी मियां खां, सुरजीत सिंह, सुंदर उर्फ बिल्ला निवासी बड़ोपल के साथ मिलीभगत करके साजिश के तहत मुआवजा वितरण लिस्ट में किसानों के फर्जी नाम लिखकर उनके आगे अपने चहेतों व जानकारों के बैंक खाते लिखकर मुआवजा राशि का गबन किया है।

इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ केस

इस मामले में पुलिस ने राजेन्द्र प्रसाद पटवारी, पिरथी सिंह काकड़ कानूनगो, मंगत राम कानूनगो, राजाराम कानूनगो, सतपाल कानूनगो, बनवारी लाल कानूनगो, राजेश कुमार गर्ग नायब तहसीलदार फतेहाबाद, रण विजय सुलतानियां तहसीलदार फतेहाबाद के अलावा खाराखेड़ी निवासी महाबीर पुत्र मनीराम व रामनिवास पुत्र महाबीर, बड़ोपल निवासी संतरो देवी पत्नी कालूराम, चन्द्रमोहन पुत्र कालूराम, शेर सिंह पुत्र मांगेराम, भतेरी पुत्री मांगेराम, सुमन पुत्री मांगेराम, जगरूप पुत्र शेर सिंह, सुंदर उर्फ बिल्ला पुत्र हंसराज, सुरजीत पुत्र अंतर सिंह, महेन्द्र सिंह पुत्र रामकुमार, सुशील पुत्र जगदीश, ढाणी मियां खां निवासी कमल सिंह पुत्र सुरजप्रकाश, राजपाल पुत्र प्रेम दास, सुमन पत्नी राजपाल, राहुल पुत्र मोहन लाल, काजलहेड़ी निवासी दीपेन्द्र पुत्र धर्मपाल, वकील पुत्र रामनारायण तथा कुसुम पत्नी राजीव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

चाचा-भतीजे ने आरोपों से किया किनारा

बता दें कि तत्कालीन तहसीलदार रणविजय कांग्रेस नेता कैप्टन अजय सिंह यादव के बड़े भाई स्व. अजीत सिंह के बेटे हैं। कैप्टन अजय यादव ने रणविजय पर लगे आरोपों से किनारा कर लिया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। वहीं, आरोपी रणविजय ने कहा कि पटवारियों और कानूनगो की रिपोर्ट के आधार पर ही मुआवजा वितरण किया गया था। उस समय वितरण प्रक्रिया को जल्द पूरा करना था।

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