MCD School: महापौर ने बवाना में जनता को समर्पित किया विद्यालय, बोलीं- देहात में सबसे ज्यादा विकास की आवश्यकता

दिल्ली नगर निगम की महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय ने बवाना की जेजे कॉलोनी में नवनिर्मित निगम प्राथमिक विद्यालय भवन जनता को समर्पित किया।

Updated On 2024-03-05 13:40:00 IST
नवनिर्मित निगम प्राथमिक विद्यालय का किया उद्घाटन

MCD School: दिल्ली नगर निगम की महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय और उपमहापौर आले मोहम्मद इकबाल ने सोमवार को बवाना की जेजे कॉलोनी में नवनिर्मित निगम प्राथमिक विद्यालय भवन जनता को समर्पित किया। यहां महापौर डॉ. ओबेरॉय ने कहा कि नरेला देहात का इलाका है। यहां सबसे ज्यादा विकास की आवश्यकता है। हम निगम विद्यालयों में हर सुविधा एवं सहूलियत देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

एक साल के कार्यकाल में दूसरा विद्यालय भवन

महापौर डॉ. ओबेरॉय ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं आम आदमी पार्टी का मानना है कि आने वाली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए हमें शिक्षा को प्राथमिकता देनी है। दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों और शिक्षा मॉडल की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। दिल्ली सरकार का उत्कृष्ट शिक्षा मॉडल हम निगम विद्यालयों में भी लागू करेंगे। आम आदमी पार्टी के एक साल के कार्यकाल में यह दूसरा विद्यालय भवन है, जिसका हमने उद्घाटन किया है।

नरेला जोन के स्कूलों के छात्रों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' और प्लास्टिक का उपयोग ना करें, जैसे कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर अतिरिक्त आयुक्त विकास त्रिपाठी, क्षेत्रीय निगम पार्षद पवन सहरावत और निगम के अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे।

मैं शिक्षा का महत्व अच्छी तरह समझती हूं- महापौर

महापौर ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों की तर्ज पर निगम विद्यालयों में पुस्तकालय, व्हाइट बोर्ड और अच्छे डेस्क का प्रबंध किया जा रहा है। मैं भी एक शिक्षिका रही हूं। मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के तौर पर कार्य किया है। इसलिए मैं शिक्षा का महत्व अच्छी तरह से समझती हूं। शिक्षा समझने, निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षा के माध्यम से हम देश एवं समाज को आगे लेकर जा सकते हैं। शिक्षा का क्षेत्र सिर्फ किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा बालक को शिष्टाचार एवं समाज में जीने का तरीका भी सिखाती है।

दिल्ली नगर निगम में कार्यरत सभी शिक्षक सीमित संसाधनों के बावजूद शिक्षा को अगले स्तर तक लेकर जा रहे हैं। इस कार्य के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं शिक्षक बधाई के पात्र हैं। शिक्षक होना सौभाग्य की बात है। शिक्षक अपने लिए नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए कार्य करता है।

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