राज्योत्सव 2025 में चमका बस्तर: शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय ने दिखाया शिक्षा और नवाचार का दम
नवा रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2025 में शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय, जगदलपुर को जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और दर्शकों से प्रशंसनीय सराहना मिली।
राज्योत्सव 2025 में शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय का शैक्षणिक प्रदर्शन
अनिल सामंत - जगदलपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में नवा रायपुर में आयोजित राज्योत्सव 2025 में शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय, जगदलपुर ने अपनी शैक्षणिक और अनुसंधान उपलब्धियों का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। उच्च शिक्षा विभाग के डोम में लगाए गए विश्वविद्यालय के प्रदर्शनी स्टॉल को जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और आम नागरिकों से जबरदस्त सराहना मिल रही है।
कुलपति ने किया स्टॉल का अवलोकन
रविवार को कुलपति प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने स्वयं विश्वविद्यालय के स्टॉल का दौरा किया और आगंतुकों को विश्वविद्यालय की विशेषताओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि राज्य के एकमात्र मेरु दर्जा प्राप्त विश्वविद्यालय के रूप में बस्तर विश्वविद्यालय ने एक ही स्थान पर बहुविषयी शिक्षा और अनुसंधान केंद्र को सशक्त किया है। साथ ही प्रो. श्रीवास्तव ने कहा, जनजातीय क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की सुदृढ़ व्यवस्था से न केवल बस्तर संभाग, बल्कि पूरा छत्तीसगढ़ लाभान्वित हो रहा है।उन्होंने विश्वविद्यालय के अभिनव शैक्षणिक कार्यक्रमों और शोध पहल के उद्देश्यों पर भी जानकारी दी।
उच्च शिक्षा को और सशक्त बनाने पर चर्चा
राज्योत्सव के दौरान कुलपति ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों से भेंट कर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देने पर चर्चा की। उन्होंने पुलिस विभाग द्वारा लगाए गए भारतीय न्याय संहिता की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और आईजी, डीआईजी, डीएसपी एवं सीआईडी अधिकारियों से नए कानून की बारीकियों पर विचार साझा किए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय टीम के समन्वयक डॉ. समीर ठाकुर, डॉ. भुवनेश्वर लाल साहू, डॉ. रवींद्र कुमार यादव, डॉ. कृष्ण कुमार वर्मा, डॉ. लखन लाल विश्वकर्मा और देवेंद्र यादव उपस्थित रहे।
ज्ञान और नवाचार का केंद्र बन रहा है बस्तर
राज्योत्सव में शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय का स्टॉल शैक्षणिक उत्कृष्टता और नवाचार का प्रतीक बन गया। मेरु दर्जा प्राप्त इस विश्वविद्यालय की उपलब्धियाँ यह संदेश दे रही हैं कि बस्तर अब सिर्फ परंपरा का नहीं, बल्कि ज्ञान और प्रगति का केंद्र बन रहा है। राज्योत्सव में विश्वविद्यालय की उपस्थिति ने छत्तीसगढ़ के जनजातीय अंचल की शिक्षा पहचान को नई ऊँचाई प्रदान की है।