EVM Tampering: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जब चंद्रबाबू नायडू या जगन रेड्डी जीतते हैं, तो ईवीएम से छेड़छाड़ क्यों नहीं होती?

EVM Tampering: याचिकाकर्ता ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ पर सवाल उठाए थे। अमेरिका का हवाला देकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।

Updated On 2024-11-26 18:02:00 IST
EVM Tampering Supreme Court

EVM Tampering: सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) मंगलवार को खारिज कर दी। पिटिशनर केए पॉल ने तर्क दिया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (EVMs) छेड़छाड़ को लेकर सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।

ईवीएम टेम्परिंग पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
इस पर जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा- 'जब चुनाव जीतते हो, तब ईवीएम में कोई समस्या नहीं होती। लेकिन हारने पर अचानक ईवीएम पर सवाल उठने लगते हैं। यह तर्क कितना तर्कसंगत है?' उन्होंने कहा- 'जब चंद्रबाबू नायडू या जगन मोहन रेड्डी हारते हैं, तो कहते हैं कि ईवीएम में छेड़छाड़ हुई, लेकिन जब वे जीतते हैं, तो कुछ नहीं कहते। यह कोर्ट ऐसी बातें सुनने के लिए नहीं है।' 

'आपको ये ब्रिलियंट आइडिया कैसे मिलते हैं?'

  • याचिकाकर्ता केए पॉल, जो एक ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं, जिसने तीन लाख से अधिक अनाथों और 40 लाख विधवाओं की मदद की है। अदालत ने तंज कसते हुए पॉल से कहा कि आपके पास काफी दिलचस्प जनहित याचिकाएं हैं। आपको ये ब्रिलियंट आइडिया कैसे मिलते हैं? बेंच ने आगे कहा कि आप इस राजनीतिक क्षेत्र में क्यों उतर रहे हैं? जबकि आपका कार्यक्षेत्र बहुत अलग है।
  • पिटिशनर पॉल ने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की संभावना है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को अमेरिका जैसे देशों की तरह बैलेट पेपर का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा- 'ईवीएम लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। यहां तक कि एलन मस्क जैसे प्रमुख लोगों ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। आप बाकी दुनिया से अलग क्यों नहीं होना चाहते?'

चुनाव आयोग कहा था- EVM टेम्पर प्रूफ
पिछले महीने अक्टूबर में महाराष्ट्र और झारखंड के लिए चुनाव तारीखों का ऐलान करते वक्त मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने जोर देकर कहा था कि ईवीएम सुरक्षित और टेम्पर प्रूफ हैं। चुनावी पारदर्शिता को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब देते चुनाव आयुक्त ने कहा था कि कितना दिखाएंगे, कौन दिखाता है इतना बताओ। पिछले 10-15 चुनावों के नतीजे देख लीजिए। यह कैसे हो सकता है कि जब परिणाम आपके पक्ष में नहीं होते, तो आप सवाल उठाने लगते हैं? हमारी प्रक्रिया में इतनी पारदर्शिता और भागीदारी है। कोई और ऐसी प्रक्रिया दिखाएं जहां इतना कुछ किया गया हो।

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